रविवार को नयना देवी मंदिर परिसर में दुकानें खोलने की इजाजत दे सरकार
संवाद सहयोगी बिलासपुर कोरोना काल में सरकार की गाइडलाइन के कारण धार्मिकस्थलों पर र
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कोरोना काल में सरकार की गाइडलाइन के कारण धार्मिकस्थलों पर रविवार को बाजार बंद रखने को लेकर दुकानदारों में रोष पनपने लगा है। दुकानदारों का कहना है कि जब मंदिर खुले हैं तो श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए दुकानों पर प्रतिबंध किस कारण है। इस वर्ग का कहना है कि रविवार के दिन ही अधिकांश श्रद्धालु मंदिरों में आते हैं तथा उनकी आर्थिकी भी इसी व्यवसाय पर टिकी है।
व्यापार मंडल श्री नयना देवी ने इस मामले पर रविवार के दिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का पुरजोर विरोध किया तथा सरकार से आग्रह किया कि वह मामले की गंभीरता को समझे तथा मंदिर क्षेत्र के बाजारों को खोलने की अनुमति प्रदान करे।
व्यापार मंडल नयनादेवी के प्रधान भाग सिंह, उपप्रधान मदन लाल, जीत राम, राधे श्याम, नरेंद्र, गगनदीप, गोविद, तरसेम लाल, बबली देवी, जगदीश, रोशनी, शीश पाल, संजीव कुमार, राम किशन, सुमन, अजय, राम चंद व रामपाल आदि ने कहा कि विश्वविख्यात शक्तिपीठ मां श्रीनयनादेवी में रविवार को बाजार बंद होने से श्रद्धालुओं को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। वहीं दुकानदारों को भी कोरोना काल से चली आर्थिक मंदी पर सरकार के निर्णय से आर्थिक संकट और गहरा गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार द्वारा पहले 15 दिसंबर तक रविवार को दुकानें बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन अब पांच जनवरी तक रविवार को दुकानें बंद करने का मंत्रिमंडल ने जो निर्णय लिया है, उससे विशेषकर श्री नयना देवी जी, शाहतलाई बाबा बालकनाथ, दियोटसिद्ध, ज्वालाजी, चितपूर्णी, बज्रेश्वरी, कांगड़ा व चामुंडा इत्यादि प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को मुश्किल बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि रविवार को बाजार बंद होने से खाने-पीने की वस्तुओं व प्रसाद इत्यादि न मिलने से श्रद्धालुओं को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, वहीं दुकानदारों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग दोहराई है कि अगर सप्ताह में एक दिन बंद करना है तो कोई और दिन सुनिश्चित किया जाए। यदि रविवार को धार्मिकस्थलों में बाजार नहीं खोलने हैं, तो फिर मंदिरों को भी बंद रखा जाए। एक तरफ सरकारों को रविवार को भी मंदिरों से आय निरंतर आ रही है, लेकिन बाजार बंद रखने से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।