भंजवाणी पुल के निर्माण का लंबा हुआ इंतजार
जिला की तीन पंचायतों औहर, बल्हभुल्वाणा और चांदपुर को आपस जोड़ने वाले भंजवाणी पुल का दशकों बाद भी निर्माण न होने से लोगों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण राजा आनंदचंद ने करवाया था लेकिन भाखड़ा बांध बनने के बाद यह टूट गया था लेकिन इसके बाद किसी भी राजनैतिक दल ने इसे बनाने के लिए प्रयास नहीं किए हैं। पुल के
संवाद सहयोगी, भगेड़ : जिला की तीन पंचायतों औहर, बल्हभुल्वाणा और चांदपुर को आपस जोड़ने वाले भंजवाणी पुल का दशकों बाद भी निर्माण न होने से लोगों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण राजा आनंद चंद ने करवाया था लेकिन भाखड़ा बांध बनने के बाद यह टूट गया था। इसके बाद किसी भी राजनीतिक दल ने इसे बनाने के लिए प्रयास नहीं किए हैं। पुल के निर्माण के लिए खड़े गए पिल्लर अभी भी अपने स्थान पर हैं।
औहर से बिलासपुर जाने के लिए पुल के माध्यम से दूरी केवल तीन किलोमीटर थी लेकिन अब लोगों लगभग 30 किलोमीटर का अतिरिक्त तय करना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि पुराने स्थान पर ही बनाया पुल का निर्माण किया जाए। इस बाबत पिछले माह एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिला था तथा उन्होंने इस पुल के निर्माण का आश्वासन दिया था। पुल न होने से लोगों को बरसात में बोट से पानी के रास्ते सफर तय करना पड़ रहा है, जो खतरे से खाली नहीं है। गर्मी में जलस्तर गिरने पर अधिक परेशानी होती है तथा बस के माध्यम से जाना पड़ता है।
भंजवाणी से तरेड़ गांव पहुंचने के लिए पुल के माध्यम से केवल दस मिनट का पैदल सफर तय करके पहुंचा जा सकता था लेकिन अब वहीं दो घंटे का सफर तय करना पड़ रहा है। लोगों की मांग की है कि पुल को इसी स्थान पर बनाया जाए।
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भंजवाणी पुल का पुल का निर्माण न होने से लोगों को तीस किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करके बिलासपुर पहुंचना पड़ रहा है। जल्द समस्या का समाधान हो।
जसवंत चंदेल
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भजंवाणी पुल का निर्माण होने से क्षेत्र के कई गांव के लोगों को लाभ मिलना था। पुल के स्थान पर अभी पिल्लर कायम हैं। इसका निर्माण इसी स्थान पर होना चाहिए।
सुरेश कुमारी
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इस पुल पर एक बस भी चलती थी जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ पहुंचता था लेकिन वर्तमान में स्थितियां बिल्कुल भिन्न हो गई हैं। जल्द पुल का निर्माण हो।
जगतराम शर्मा
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पुल का निर्माण न होने से लोगों को बोट से बिलासपुर पहुंचना पड़ रहा है। गर्मी में यह समस्या और भी बढ़ जाती है। लोगों को बसों में तीस किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है।
मदन लाल
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पुल निर्माण के लिए उन्हें आज तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। छह दशक बीतने के बाद किसी भी सरकार ने इस पुल का निर्माण करने के लिए कोशिश नहीं की है।
जो¨गद्र ¨सह
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भंजवाणी पुल के नाम अब केवल पिल्लर रह गए हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस स्थान पर पुल का निर्माण करवाए ताकि ऐतिहासिक निशानी को कायम रखा जा सके ।
कैप्टन नानकराम
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पुल का निर्माण न होने से अब लोगों का सब्र टूट चुका है। अब लोगों ने संघर्ष का रास्ता अपनाने का मन मना लिया है। अब पुल का निर्माण करने के लिए संघर्ष की नीति अपनाई जाएगी।
विजयपाल
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पुल का निर्माण न होने से लोगों को परेशानी हो रही है। इसका निर्माण करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सरकार लोगों की समस्या का समाधान करते हुए शीघ्र ही पुल का निर्माण करे।
प्यार ¨सह
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भंजवाणी पुल के निर्माण से चांदपुर, बल्हभल्वाना तथा औहर पंचायत के लोगों को लाभ मिलना था। साठ के दशक के बाद किसी भी सरकार ने पुल का निर्माण करने के लिए कोई कदम नहीं उठाएं हैं।
दीप चंद
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पुल का निर्माण होने से न केवल रास्तों की दूरी कम होनी थी बल्कि क्षेत्र में विकास की गति भी तेज होनी थी। अब लोगों को जो सफर तीस किलोमीटर पड़ रहा है।
देशराज शर्मा
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भंजवाणी पुल का निर्माण हो जाता है तो लोगों को काफी सुविधा प्राप्त होनी थी। लोगों को अतिरिक्त सफर तय करने से छुटकारा मिल जाना था वहीं पानी के रास्ते जान को जोखिम में डालकर सफर करने से भी राहत मिलनी थी।
अर¨वद वर्मा।