कंपनी वालों ने बुलाया तो जरूर जाएंगे
कोरोना के कारण काम-धंधे बंद होने के कारण अधिकतर लोग अपने-अपने घरों को वापस लौट आए हैं।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कोरोना के कारण काम-धंधे बंद होने के कारण अधिकतर लोग अपने-अपने घरों को वापस लौट आए हैं। ऐसे में जहां कुछ लोग कंपनी में दोबारा बुलाने पर जाने के लिए राजी हैं, वहीं कुछ लोग कोरोना वायरस के समाप्त होने के बाद ही वापस जाने की बात कर रहे हैं। लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही जैसे उद्योग बंद हुए तो उनकी दिक्कतें भी बढ़ गई। हालांकि कुछ दिन तक कंपनी की ओर से सुविधा मिलती रही लेकिन बाद में मकान का किराया देने तथा रोटी का प्रबंध करना मुश्किल हो गया। ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोग तो पैदल ही अपने घरों की ओर चल दिए तो कई लोग टैक्सी करके अपने घर पहुंचे। प्रदेश सरकार का उनके साथ काफी सहयोग रहा तथा उन्हें घर आने की अनुमति प्रदान की। बिना किसी रोजगार के घर से बाहर एक दिन भी गुजारना मुश्किल हो जाता है। मैं मारूति कंपनी में कार्यरत था, जहां पर मेरा एक साल का अनुबंध था तथा मार्च में दोबारा साक्षात्कार होना था लेकिन इस दौरान लॉकडाउन शुरू हो गया जिसके कारण साक्षात्कार नहीं हो। यदि कंपनी मुझे बुलाती है तो दोबारा जाने के लिए तैयार हूं। कंपनी के लोग प्रतिदिन मेरी सेहत के बारे में जानकारी लेते रहे जिससे मेरा विश्वास बना हुआ है।
-पुनीत कुमार, गांव मरहाणा।
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मैं अपने भाई के साथ मुंबई में रहता था लेकिन मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के कारण वहीं फंस कर रह गए। खाने-पीने की दिक्कत बढ़ गई थी। ऐसे में मानसिक परेशानी भी बढ़ गई थी। वहीं घर वापस आने के लिए भी पास भी नहीं बन रहे थे लेकिन कोशिश जारी रखी। घर से दूर रहकर स्वजनों की चिता भी सता रही थी। जैसे ही कोविड पास बना तो हम टैक्सी करके वापस हिमाचल आ गए। प्रदेश सरकार का काफी सहयोग रहा।
-महेंद्र सिंह दधोल।