Bilaspur News: इतिहास में पहली बार संघर्ष मोर्चा और मुस्लिम समुदाय ने मिलकर मनाई ईद, एकजुटता का दिया संदेश
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा ईद उल फितर का त्योहार बिलासपुर की जामा मस्जिद में धूमधाम से मनाया। इतिहास में यह पहला मौका था जब संयुक्त संघर्ष मोर्चा और मुस्लिम समुदाय ने साथ में मनाई ईद।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा ईद उल फितर का त्योहार बिलासपुर की जामा मस्जिद में धूमधाम से मनाया।
इतिहास में यह पहला मौका था जब संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इस प्रकार ईद मिलन कार्यक्रम एकजुटता के साथ मनाया गया। मोर्चा के जिलाध्यक्ष एवं सेवानिवृत डीएसपी सीता राम कौंडल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम को जामा मस्जिद कमेटी बिलासपुर के प्रधान हारून मोहम्मद ने मुकम्मल किया।
हारून मोहम्मद ने सभी को इस पर्व की दी बधाई
मौलवी असराल मुजाहिरी ने ईद पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि प्रधान सीताराम कौंडल, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डीआर भाटिया, महासचिव नंद लाल आचार्य, प्रधान जामा मस्जिद कमेटी हारून मोहम्मद ने सभी को इस पर्व की बधाई दी तथा प्रसन्नता व्यक्त की। साबर दीन ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में यदि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक खाने कमाने के लायक हुआ है तो वह बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर की देन है।
रोजेदारों ने जामा मस्जिद में एकत्रित होकर नमाज की अदा
वहीं मोर्चा मंत्री नंदलाल आचार्य ने भी मानवता को ध्येय मानकर एकजुटता को लेकर कहा कि देश की आजादी में देश के सभी वर्गों ने अपने सर्वोच्च बलिदान दिए, लेकिन मनुवादी सोच के कारण कुछ लोगों ने मूल निवासियों को तय षडयंत्र के तहत उनका शोषण किया। कार्यक्रम में सभी ने मीठी सेवइयों के साथ फ्रूटस और मिष्ठान का आनंद उठाया। वहीं दूसरी ओर रोजेदारों ने जामा मस्जिद में एकत्रित होकर नमाज अदा की तथा विश्व शांति की कामना की।
काफी संख्या में नमाजियों ने ईद की विशेष नमाज पढ़ी
बरठीं, घुमारवीं, टकरेहड़ा, चकली, झंडूता, कोठीपुरा, स्वारघाट, इल्लेहवाल, नोआ-राजपुरा मस्जिदों में काफी संख्या में नमाजियों ने ईद की विशेष नमाज पढ़ी। मुस्लिम समुदाय के लोग नजदीकी मस्जिदों में एकत्रित होना सुबह से ही शुरू हो गए थे। युवा व बच्चे भी सफेद कुर्ता, पजामा व टोपी लगाकर सज-धजकर मस्जिदों में पहुंचे। जामा मस्जिद रौड़ा सेक्टर में मुफ्ती मोहम्मद असरान मुजाहिरी ने ईद उल फितर की नमाज की रहनुमाई की।
नमाज से पहले समझाया गया ईद का महत्व
नमाज से पहले उन्होंने ईद का महत्व समझाया व संबंधित अन्य आवश्यक जानकारियां भी उपस्थित समूह को बताई। इसके बाद रकात नमाज छह तकबीरों सहित अदा कर दी गई है। जामा मस्जिद के प्रधान हारुन मोहम्मद ने इस दिन का महत्व समझाया और ईद की बधाई दी।
अन्य समुदाय के लोगों द्वारा एक दिन पहले से ही ईद की मुबारकबाद अपने मुस्लिम भाईयों को कहने का क्रम भी जारी रहा। मीठी ईद की रंगीन सेवइयां व मिष्ठान का लुत्फ उठाना इस त्योहार की विशेषता है।