किसान खुद उगाएंगे उन्नत किस्म का गेहूं बीज
जागरण संवाददाता बिलासपुर जिले के लाखों किसानों को अगले साल से देसी उन्नत किस्म का गेहूं बी
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : जिले के लाखों किसानों को अगले साल से देसी उन्नत किस्म का गेहूं बीज उपलब्ध होगा। यह बीज कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के निर्देश पर जिले के किसान तैयार करेंगे, ऐसे में यहां के किसानों को पड़ोसी राज्यों के गेहूं बीज पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से बिलासपुर जिले के अलग अलग क्षेत्रों में सैकड़ों किसानों को उनके खेतों में इन बीजों की किस्में पैदा करने के लिए तैयार कर लिया गया है।
कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलदीप पटियाल उत्पादन के लिए तय किए गए इलाकों में किसानों के साथ दो दौर की बातचीत करके वापस लौट आए हैं। अब इन किस्मों के उत्पादन के लिए किसान भी तैयार हैं। जिले में विभाग के इस प्रयास से राज्य सरकार को हर वर्ष दूरस्थ राज्यों से मंगाए जाने वाले गेहूं के अलग अलग किस्म के बीजों की खरीद व ट्रांसपोर्ट पर होने वाले लाखों रुपये के खर्च से मुक्ति मिल सकेगी। कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलदीप पटियाल ने बताया कि राज्य कृषि विवि की ओर से हर वर्ष गेहूं की अलग अलग उन्नत किस्में किसानों को खेतों में उगाने के लिए दी जाती हैं, लेकिन इससे बहुत कम उत्पादन होता रहा है और अधिकतर मामलों में किसान विभाग को यह बीज वापस भी नहीं करते थे,क्योंकि किसानों को विभाग के केंद्रीय स्टोर तक यह बीज पहुंचाने में अतिरिक्त खर्च पड़ता था और यह किसानों की कुल आमदनी में कमी कर देता था, जिससे किसान इसे विभाग को वापस नहीं करते थे, लेकिन अब विभाग ने निर्णय लिया है कि गेहूं के बीज के लिए हरियाणा व उत्तराखंड सहित दूसरे राज्यों के लिए नहीं जाएंगे। किसान अपने जिले में विधिवत तरीके से विश्वविद्याल के बीजों को उगाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार निर्णय यह लिया गया है कि किसानों के खेतों से ही बीज को विभाग को खुद जमा करेगा, जिससे कि किसानों को अतिरिक्त लागत नहीं उठानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि इस बीज के उत्पादन के लिए शाहतलाई के पास भगतपुर, घुमारवीं के पास औहर, जुखाला और बस्सी मजारी इलाकों के सैकडों किसानों को तैयार किया गया है। ये सभी विवि की उन्नत किस्मों को इस बार दिसंबर में उगाएंगे और अप्रैल में इसे काट लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में किसानों से कुल साढ़े चार हजार क्विंटल गेहूं के बीज की पैदावार करने का लख्य रखा गया है।