धारटटोह के हिडिंबा मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठापना कल
ग्राम पंचायत धार टटोह के हंडिम्बा माता मंदिर में नौ दिवसीय देवी भागवत का आयोजन ग्रामवासियों के सहयोग से किया जा रहा है। कथा के पांचवें दिन कथा व्यास मदन शांडिल्य द्वारा सती चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होने कहा कि जब ब्रह्मा जी को भगवान
संवाद सहयोगी, बरमाणा : ग्राम पंचायत धार टटोह के हिडिंबा माता मंदिर में नौ दिवसीय देवी भागवत का आयोजन ग्रामवासियों के सहयोग से किया जा रहा है। कथा के पांचवें दिन कथा व्यास मदन शांडिल्य द्वारा सती चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होने कहा कि जब ब्रह्मा को भगवान शिव के विवाह की चिता हुई तो उन्होंने भगवान विष्णु की स्तुति की और विष्णु जी ने प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी को बताया कि यदि भगवान शिव का विवाह करवाना है तो देवी शिवा की आराधना कीजिए। उन्होंने बताया कि दक्ष से कहिए कि वह भगवती शिवा की तपस्या करें और उन्हें प्रसन्न करके अपनी पुत्री होने का वरदान मांगे। यदि देवी शिवा प्रसन्न हो जाएगी तो सारे काम सफल हो जाएंगे। उनके कथनानुसार ब्रह्मा ने दक्ष से भगवती शिवा की तपस्या करने को कहा और प्रजापति दक्ष ने देवी शिवा की घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवा ने उन्हें वरदान दिया कि मैं आप की पुत्री के रूप में जन्म लूंगी। साथ ही उन्होंने दक्ष से यह भी कहा कि जब आपका आदर मेरे प्रति कम हो जाएगा तब उसी समय मैं अपने शरीर को त्याग दूंगी, अपने स्वरूप में लीन हो जाऊंगी अथवा दूसरा शरीर धारण कर लूँगी। भगवती शिवा सती के नाम से दक्ष की पुत्री के रूप में जन्म लेती है और घोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न करती है तथा भगवान शिव से उनका विवाह होता है।
मंदिर के पुजारी अमरनाथ शर्मा ने कहा कि 13 अप्रैल को मंदिर में भक्तों के सहयोग से श्री गणेश, राधा कृष्ण, लक्ष्मी नारायण, हनुमान आदि कुछ और मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। 14 अप्रैल को पूर्णाहूति के साथ भंडारे का आयोजन किया जाएगा।