छुंिट्टयों पर चर्चा के लिए न बुलाने पर जताया रोष
शिक्षा निदेशालय उच्चतर की ओर से 23 मार्च को स्कूलों में होने वाली छुट्टियों के विषय में चर्चा के लिए हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधि को न बुलाने पर परिषद के सदस्यों ने रोष जताया है। संस्कृत शिक्षक परिषद् के उपाध्यक्ष जंगछुब नेगी अमरसेन महासचिव अमित शर्मा कोषाध्यक्ष सोहन लाल संगठन मंत्री योगेश अत्रि प्रवक्ता
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : शिक्षा निदेशालय उच्चतर की ओर से 23 मार्च को स्कूलों में होने वाली छुट्टियों के विषय में चर्चा के लिए हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधि को न बुलाने पर परिषद के सदस्यों ने रोष जताया है।
संस्कृत शिक्षक परिषद् के उपाध्यक्ष जंगछुब नेगी, अमरसेन, महासचिव अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष सोहन लाल, संगठन मंत्री योगेश अत्रि, प्रवक्ता शांता कुमार, प्रेस सचिव नरेंद्र शैल, जिला ऊना के प्रधान बलवीर , हमीरपुर के सुनील कुमार, बिलासपुर के राजेंद्र शर्मा, कांगड़ा के जीवन चंदेल, मंडी के बृजमोहन सारस्वत, कुल्लू के कुलदीप, सोलन के दुर्गानंद, शिमला के दिग्विजयेंद्र, सिरमौर के रामपाल अत्रि, लाहुल के प्रधान सतीश ने संयुक्त ब्यान में कहा कि जब निदेशक ने सभी शिक्षक संगठनों के अध्यक्षों को बैठक के लिए बुलाया तो संस्कृत शिक्षक परिषद के अध्यक्ष को बैठक में बुलाने से परहेज क्यों किया गया। प्रदेश की संस्कृत शिक्षक परिषद पांच हजार से ज्यादा संस्कृत शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करती है। जिनका संस्कृत के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहता है। ऐसे ही जब द्वितीय राजभाषा समिति, संस्कृत विश्वविद्यालय समिति व संस्कृत अकादमी व शास्त्री भर्ती व पदोन्नति नियमों की कमेटी का गठन किया गया तो उन समितियों में भी परिषद के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया। यह संस्कृत शिक्षकों के साथ अन्याय है। अब 23 मार्च को छुट्टियों के शेड्यूल को लेकर होने वाली बैठक में भी परिषद् को नहीं बुलाया गया है यह परिषद् का अपमान है। परिषद् निदेशक उच्चतर से मांग करती है कि इस बैठक में व भविष्य में होने वाली बैठक में संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधियों को बुलाया जाये ।