जागरूकता से कम होगा भूकंप का प्रभाव
प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता और न ही इन्हें रोका जा सकता है लेकिन धैर्य विवेक परस्पर सहयोग व प्रबन्धन से ही काफी हद तक इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह बात डीसी विवेक भाटिया ने 4 अप्रैल 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप की याद में आयोजित मैमोरी
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता और न ही इन्हें रोका जा सकता है। लेकिन धैर्य, विवेक, परस्पर सहयोग व प्रबंधन से ही काफी हद तक इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह बात डीसी विवेक भाटिया ने चार अप्रैल 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप की याद में आयोजित मेमोरी वॉक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस मेमोरी वॉक के माध्यम से लोगों को आपदा के दौरान किए जाने वाले बचाव कार्य के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इससे पहले उन्होंने महिला व युवक मंडलों, स्वयं सेवी संस्थाओं, स्पोर्ट्स हॉस्टल के छात्र-छात्राओं तथा विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों के अतिरिक्त बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा निकाली गई रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। द्वितीय चरण में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आपदा प्रबंधन पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में एडीएम राजीव कुमार ने कहा कि 1905 में कांगडा में आए भीषण भूकंप में हजारों की संख्या में लोगों और पशुधन की जाने गई थी। इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी देवी राम, एसोसिएट प्रोफेसर बचन सिंह, कॉलेज एनएसएस के समन्वयक डॉ सुरजीत चंदेल, सचिव भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी अमित कुमार, सूचना एंव प्रोद्योगिकी समन्वयक चन्दन राठौर के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।