सकारात्मक रहें, कदम चूमेगी सफलता : अपराजिता
बिलासपुर के बेटी ने एचएस की परीक्षा में प्रदेश में टॉप करके परिजनों के साथ-साथ जिले का नाम भी रोशन किया है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : सोमवार का दिन बिलासपुर के लिए ढेरों खुशियां लेकर आया। घुमारवीं उपमंडल के भजवाणी इलाके की रहने वाली इंजीनियर अपराजिता चंदेल ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा में टॉप करके जिला का नाम रोशन किया। अपराजिता एनआइटी हमीरपुर से बीटेक हैं और वर्तमान में दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। अपराजिता के पिता राकेश चंदेल बिलासपुर जिला अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं और माता मीना चंदेल मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में वार्ड सिस्टर के रूप में सेवाएं दे रही हैं।
अपराजिता चंदेल की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी बिलासपुर और डीएवी हमीरपुर से हुई। इसके बाद उन्होंने हमीरपुर स्थित एनआइटी से कंप्यूटर इंजीनियरिग में बी टेक किया। अपराजिता का एक भाई सेना में कैप्टन के पद पर है जबकि उससे छोटा एनआइटी में पढ़ रहा है।
बचपन से ही होनहार
पिता राकेश चंदेल व माता मीना चंदेल ने बताया कि उनकी बेटी अपराजिता बचपन से ही होनहार रही है। उसने डीएवी में भी टॉप किया था। राकेश चंदेल बताते हैं कि उनके पिता स्वर्गीय माधो राम चंदेल का सपना था कि उनके घर की यह लाडली देश में प्रशासनिक सेवाओं में शीर्ष पर पहुंचे जोकि आज पूरा हो गया है। चंदेल बताते हैं कि बेटी ने इस बार इंटरव्यू देने के बाद घर आकर कहा था कि पापा इस बार निश्चित तौर पर टॉप करूंगी और उसने यह कर दिखाया।
अपनी ऊर्जा को बंटने न दें
एचएएस टॉपर अपराजिता चंदेल ने कहा कि इस उपलब्धि के पीछे उनके माता पिता, परिवार के लोगों व टीचरों का सबसे बड़ा योगदान है। चंदेल का कहना है कि अक्सर युवा ऐसे मुकाम को हासिल करने की कोशिश में हताश हो जाते हैं और अपने लक्ष्य को छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ मंजिल की ओर बढ़ना चाहिए। अपराजिता कहती हैं कि लक्ष्य पर फोकस करते हुए अपनी ऊर्जा को बंटने नहीं देना है। यही सफलता की कुंजी है।
अपराजिता ने सबसे पहले दिल्ली में कोचिग ली। कहती हैं कि इससे उसे काफी हद फायदा मिला और उसने यूपीएससी में सफलता हासिल करके डिफेंस मिनिस्ट्री में सेक्शन ऑफिसर का पद भी हासिल कर लिया लेकिन उसका आइएएस या एचएएस में आने का सपना अभी पूरा नहीं हुआ था। चंदेल का कहना है कि हिमाचल के नौजवान तेज दिमाग हैं और यहां पर शिक्षा के लिए माहौल भी है। लेकिन जरूरत है पेरेंट्स को बच्चों को सही वक्त पर इस तरफ जागरूक और प्रेरित करने की।
अपराजिता का कहना है कि यूं तो हिमाचल में शिक्षा का स्तर बढि़या है लेकिन आने वाले वक्त में वह हिमाचल के युवाओं के लिए शिक्षा के स्तर को और ऊंचा करने की दिशा में काम करेंगी और ऐसा प्रयास करेंगी कि प्रशासनिक सेवाओं से लेकर दूसरी सरकारी सेवाओं में पद हासिल करने के लिए युवाओं को बेहतर माहौल मिल सके।