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स्क्रब टायफस से बचाव के लिए बरतें सावधानी : डा. दरोच

संवाद सहयोगी बिलासपुर आजकल लोगों को कोरोना डेंगू और मलेरिया के साथ-साथ स्क्रब टायफस

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 05:38 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 05:38 PM (IST)
स्क्रब टायफस से बचाव के लिए बरतें सावधानी : डा. दरोच
स्क्रब टायफस से बचाव के लिए बरतें सावधानी : डा. दरोच

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : आजकल लोगों को कोरोना, डेंगू और मलेरिया के साथ-साथ स्क्रब टायफस से बचाव को लेकर भी जागरूक होना चाहिए। इस मौसम में स्क्रब टायफस से जिला बिलासपुर में रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है, इससे बचने के लिए इन दिनों सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। स्क्रब टायफस भी एक किस्म का बुखार है। यह रोग भी एक जीवाणु विशेष (रिकेटशिया) से संक्रमित माइट (पिसू) के काटने से फैलता है, जो खेतों में झाड़ियों में वह घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टायफस बुखार पैदा करता है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डा. प्रकाश दरोच ने बताया कि तेज बुखार जो 104 से 105 डिग्री तक जा सकता है। इस बुखार को लोग जोड़ तोड़ बुखार भी कहते हैं। जोड़ों में दर्द कंपकंपी के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न, कमजोरी, अकड़न और शरीर टूटा हुआ लगना तथा पिसु के काटने के स्थान पर त्वचा काली होने पर घाव बन जाता है। लोग अपने शरीर की सफाई का ध्यान रखें। घर के आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिए। घर के चारों ओर खरपतवार या घास नहीं उगने देनी चाहिए। घर के अंदर व आस-पास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।


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