बार-बार बारिश होने से गेहूं में पीला रतुआ होने का खतरा
बिलासपुर जिला में बेमौसम की बारिश ने क्षेत्र के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
संवाद सहयोगी, भराड़ी : जिले में बारिश ने अब किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। किसानों का कहना है कि पहले भी गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी थी, लेकिन अब समय पर बारिश होने से किसानों को अच्छी फसल होने की उम्मीद थी। लेकिन जनवरी के बाद भी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। इस कारण पीला रतुआ लगने का डर बना हुआ है।
लोगों का कहना है कि इस समय धूप की आवश्यकता होती है, लेकिन बारिश के से समस्या पैदा हो रही है। जहां गेहूं की बिजाई अक्टूबर-नवंबर में हो चुकी है वहां रोग के फैलने की ज्यादा संभावना है। रोग का प्रकोप विशेषकर पेड़ों के आसपास व अधिक ठंड और नमी वाले खेतों में अधिक होता है।
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को रोग के लक्षण दिखाई देने पर प्रभावित क्षेत्र में प्रोपीकोनाजोल (टिल्ट) का पानी में घोल बना कर छिड़काव करना चाहिए। यह दवा कृषि विभाग के सभी विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध होती है।
कृषि उपनिदेशक बिलासपुर डॉ. कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि मौसम की अनुकूलता के मद्देनजर गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग फैलने की संभावना बढ़ गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव इस रोग के फैलने के लिए अनुकूल होता है। किसानों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। नजदीकी कृषि विषयवाद विशेषज्ञ, कृषि विकास अधिकारी और कृषि प्रसार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।