अधिवक्ता हांडा की मौत की जांच करे सरकार
संवाद सहयोगी बिलासपुर बिलासपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की मौत की जांच से क्षुब्ध
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की मौत की जांच से क्षुब्ध जिला बार संघ ने जिला सत्र एवं न्यायधीश न्यायालय के मुख्यद्वार के बाहर सुबह दस से दो बजे तक प्रदेश सरकार के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा नारेबाजी की।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य दौलत राम शर्मा ने कहा कि बिलासपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की मौत दो अक्टूबर को आइजीएमसी शिमला के कोविड केयर सेंटर में हुई थी। उन्हें इससे पहले बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उन्हें आइजीएमसी शिमला रेफर किया था, जहां उन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया। वहां पर न तो उनका सही तरीके से इलाज किया गया और न ही खाना पीना दिया गया। जबकि उनके बेटे विपुल हांडा भी उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि उनके बेटे विपुल हांडा ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा को चंडीगढ़ के किसी प्राइवेट अस्पताल ले जाने की गुहार भी लगाई थी लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। इस कारण उनकी आइजीएमसी शिमला में ही मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की मौत उस दिन सायं तीन बजे हो गई थी परंतु उनके बेटे को सायं छह बजे जानकारी दी गई।
इस संबंध में बार संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था। उन्होंने राजेंद्र हांडा की मौत की जांच का आश्वासन दिया था। उसके बाद बार संघ ने राज्यपाल को भी ज्ञापन प्रेषित किया था लेकिन आज तक कोई जांच नहीं की गई। इस कारण अब मजबूरन बार संघ को प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पडा। उन्होंने सरकार से वरिष्ठ अधिवक्ता की मौत की जांच को शीघ्र करवाने की मांग की है।