बिलासपुर में फिर लटका सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम
फ्रांस के भी कोरोना से घिरने का असर बिलासपुर शहर के लिए प्रस्तावित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर भी पडा है। निर्माण शुरू करने से पहले इसकी डीपीआर तैयार करने से लेकर दूसरी तमाम औपचारिकताएं पूरी करने का काम कोरोना के कारण अधर में लटक गया है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर शहर के लिए प्रस्तावित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण पर भी कोरोना का असर पड़ा है। डीपीआर तैयार व अन्य औपचारिकताएं पूरी करने का काम लटक गया है। करीब 10 वर्ष पहले मंजूर इस प्रोजेक्ट के लंबा खिचने की संभावना बढ़ गई हैं। कई अड़चनों के कारण बाधित रही इस योजना के सिरे न चढ़ने से शहर के लोगों को यह सुविधा मिलने में देरी होगी।
अधीक्षण अभियंता विजय कुमार ढटवालिया ने कहा कि कोरोना के कारण यह प्रोजेक्ट इसलिए थम गया है क्योंकि फांस के बैंक अधिकारी यहां अपना काम निपटाने के लिए नहीं आ पाए हैं। उम्मीद है कि हालात सामान्य होने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकेगा।
बिलासपुर शहर में 60 वर्ष पुरानी सीवरेज व्यवस्था चल रही है। सदर हलके के पूर्व विधायक एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल में बिलासपुर शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे। इसके बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इसकी डीपीआर बनाने और साइट चयन करने के प्रयास नहीं हुए। विधायक सुभाष ठाकुर ने जलशक्ति विभाग को निर्देश दिए तो इस पर काम आगे बढ़ा। दोबारा इसका प्राक्कलन तैयार कर इसकी लागत करीब 50 करोड़ रुपये बताई गई। इसके लिए दोबारा प्रदेश सरकार को प्राक्कलन भेजा गया। फ्रांस के एक बैंक को इसके लिए फंड देने और डिजाइन बनाने के लिए कहा गया। साइट चयन का मामला भी सुलझा लिया गया और इसे लुहणू खैरियां व लखनपुर इलाके में दो जगहों पर अलग-अलग दो हिस्सों में तैयार करने का निर्णय हुआ। अब फ्रांस के बैंक को काम आगे बढ़ाना था। लेकिन इस बीच कोरोना महामारी के कारण फिर इस प्रोजेक्ट का काम अधर में लटक गया है।