न ब्यास, न सतलुज से आया घुमारवीं के लिए पानी
बिलासपुर जिले के घुमारवीं क्षेत्र में पेयजल संकट का हल नहीं हो पा रहा है।
जागरण संवाददाता, घुमारवीं : घुमारवीं हलके के लोगों को भरपूर पेयजल उपलब्ध करवाने की एक और कोशिश असफल होती दिख रही है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन विधायक राजेश धर्माणी ने ब्यास नदी से पानी उठाकर घुमारवीं हलके में पहुंचाने के दावे किए थे। इसके लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने डीपीआर तैयार की थी, लेकिन सरकार का कार्यकाल खत्म होने तक यह सिरे नहीं चढ़ी।
जब सरकार बदली को मौजूदा विधायक राजेंद्र गर्ग ने पेयजल योजना के प्रस्ताव को रद करवा दिया और सतलुज से पानी उठाने का दावा किया। इसके अधिकारियों को डीपीआर बनाने के निर्देश भी दिए। करीब दो वर्ष पहले करीब 70 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजी थी। केंद्र ने इसे ब्रिक्स बैंक से अनुदान राशि हासिल करने के लिए अग्रसारित किया, लेकिन चीन ने इस योजना को पैसा देने पर आपत्ति जताई, जिससे यह मामला अब लंबित हो गया है।
जल शक्ति विभाग घुमारवीं के एक्सईएन सतीश शर्मा का कहना है कि उन्हें केंद्र की ओर से पैसा नहीं मिलने की कोई जानकारी नहीं है। न ही ब्रिक्स बैंक की ओर से लिखित में कुछ जानकारी आई है। यह सूचना जरूर मिली थी कि मुददे पर चीन की ओर से आपत्ति जताई थी।
घुमारवीं हलके में जलसंकट हर मौसम में रहता है, लेकिन गर्मियों में लोग अधिक दिक्कत झेलते हैं। खड्डों का जलस्तर गिर जाने के कारण पेयजल योजनाओं में गर्मियों के दिनों में तो पानी रहता ही नहीं है।