डिग्रियां बेचने के मुद्दे पर छात्र संगठन तल्ख
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर इकाई ने प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों में डिग्रियां बेचने के मुद्दे को लेकर कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर इकाई ने प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों में डिग्रियां बेचने के मुद्दे पर कॉलेज में प्रदर्शन किया। प्रदेश में फर्जी डिग्री बेचने के मामले सामने आने पर विद्यार्थी परिषद ने निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग व प्रदेश सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद ने चेताया कि अगर इसी तरह शिक्षा का व्यापारीकरण होता रहा और पैसे लेकर डिग्रियां दी जाएंगी तो किस तरह एक सुदृढ़ शिक्षा पद्धति का निर्माण हो सकेगा।
इकाई अध्यक्ष प्रशांत ठाकुर ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों और नियामक आयोग के इस रवैये से कई प्रश्न उठे हैं। प्रदर्शन में सौरभ गौतम, प्रशांत ठाकुर, शीतल, मोहित, विशाल, राहुल, विशाल, हार्दिक, खेमराज, नेहा व जिला छात्रा सह प्रमुख कंचन शर्मा सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे।
--------
एनएसयूआइ ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : स्वामी विवेकानंद डिग्री कॉलेज घुमारवीं की एनएसयूआइ इकाई ने प्रधानाचार्य के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। जिला एनएसयूआइ महासचिव अभिषेक भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। प्रदेश का नाम हमेशा से ही शिक्षा के क्षेत्र में सदैव से उत्कृष्ट रहा है, लेकिन अब शिक्षा का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है, जो बहुत चिता का विषय है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का निजीकरण और एक हद तक व्यापारीकरण तो फिर भी सहनीय रहा, लेकिन अब पैसे देकर फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले भी सामने आ रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि शिमला और सोलन जिले में स्थित निजी विश्वविद्यालय, जिन्होंने निजी शिक्षा क्षेत्रों में अपना नाम बनाया हुआ है, उन विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप लगा है। पैसे लेकर डिग्रियां बाहरी प्रदेशों में बेची गई हैं। शिक्षा मानकों पर ये एक धब्बा है। प्रदेश सरकार सबकुछ जानकर भी कोई कार्रवाई दोषियों पर नहीं कर रही है। राज्यपाल से इस मामले की गंभीरता समझते हुए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने की मांग की है। इस मौके पर जिला एनएसयूआइ महासचिव निशांत सोनी, अभिषेक राणा, सचिन, अशिव खान, गौरी शंकर, अंकिता, लवली व नीतिका आदि कार्यकर्ता मौजूद रहीं।