निजी स्कूल पीटीए गठन में नियमों को दिखा रहे ठेंगा
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए नियम तो बनाए जाते हैं । लेकिन वह नियम धरातल पर कितने कामयाब होते हैं इसका उदाहरण बिलासपुर जिला के निजी स्कूल हैं । इन स्कूलों में सरकारी नियमों के अनुसार पीटीए का गठन ही नहीं हो पाया है । हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के पास इस संबध में निजी स्कूलों का रिकार्ड भी पूरा नहीं है । विभाग को यह जानकारी ही नहीं है कि जिला में कितने निजी स्कूलों में पीटीए का गठन किस आधार पर हुआ है या नियमों के अनुसार हुआ भी है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है । इस मामले को लेकर अब उच्च शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर निजी स्कूलों में पीटीए को लेकर 30 जुलाई तक जानकारी देने के लिए निर्देश जारी किए हैं । ऐसा न करने पर विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं ।
आशुतोष डोगरा, बिलासपुर
जिला बिलासपुर में शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिला के निजी स्कूलों में सरकारी नियमों के अनुसार पीटीए का अभी तक गठन ही नहीं हो पाया है। हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के पास इस संबध में निजी स्कूलों का रिकॉर्ड भी पूरा नहीं है। यह भी जानकारी ही नहीं है कि जिला में कितने निजी स्कूलों में पीटीए का गठन किस आधार पर हुआ है या नियमों के अनुसार हुआ भी है या नहीं। अब उच्च शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर निजी स्कूलों में पीटीए को लेकर 30 जुलाई तक जानकारी देने के लिए निर्देश जारी किए हैं। ऐसा न करने पर विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा विभाग के नियमों को पूरा करने के बाद ही निजी स्कूल को मान्यता दी जाती है। अगर उक्त निजी स्कूलों में ऐसा नहीं होता है तो विभाग एनओसी रद भी कर सकता है। लेकिन आज तक विभाग द्वारा जिला में इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। अब जब शिक्षा निदेशालय की तरफ से निजी स्कूलों में पीटीए के गठन को लेकर ब्योरा मांगा गया तो विभाग ने अब आनन-फानन में कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
उधर, बिलासपुर के उच्च शिक्षा उप निदेशक अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि नियमों के अनुसार ही निजी विद्यालयों में पीटीए गठन किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो विभाग इसकी जांच करेगा। निदेशालय की तरफ से भी 30 जुलाई तक इसके संबंध में ब्योरा मांगा गया है।
पीटीए गठन को लेकर यह है नियम
प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में पीटीए के गठन के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत जब स्कूल में पीटीए का गठन किया जाए तो उस समय सभी अभिभावक स्कूल में मौजूद होने चाहिए। पीटीए के गठन के समय 15 सदस्यों की कार्यकारिणी बनाना जरूरी है। पीटीए के अध्यक्ष के चयन के समय जनरल हाउस में चुनाव होने के बाद चयनित किया जाना चाहिए। हर तीन माह में एक बार पीटीए की बैठक जरूर हो।
निदेशालय से मांगी जानकारी के बाद जागे
निजी स्कूलों में सरकारी नियमों के तहत पीटीए का गठन करने को अब शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। विभाग ने सभी उप निदेशकों को अपने-अपने जिला में निजी स्कूलों का पूरा ब्योरा मांगा है। इसमें पीटीए गठन की जानकारी भी शामिल की जानी जरूरी है।