बीमारियों के समाधान
उम्र 4
उम्र 49 साल। पिछले 6 सालों से काला मोतिया से ग्रस्त हूं। इसके लिए डॉक्टर ने मुझे नियमित रूप से आई ड्रॉप्स डालने की सलाह दी है। क्या इस बीमारी का पूरा इलाज किसी और तरीके से संभव है?
आफताब आलम, दिल्ली
काला मोतिया (ग्लूकोमा) के उपचार के बारे में यह जान लेना जरूरी है कि इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता हैं, लेकिन नियमित रूप से और सही तरीके से दवा डालने से इस बीमारी को नियंत्रण में रखा जा सकता है ताकि दृष्टि की अधिक हानि को रोका जा सके। रोग की जटिलता को देखकर ही नेत्र विशेषज्ञ उपचार का तरीका निर्धारित करते हैं। काला मोतिया का उपचार आई ड्राप्स,लेजर या सर्जरी द्वारा किया जा सकता है। इसका इलाज जिंदगी भर चलता है।
मैं अपना -4.5 का चश्मा ब्लेडरहित ऑपरेशन द्वारा हटवाना चाहती हूं। इस ऑपरेशन के फायदे बताएं और यह सुविधा कहां उपलब्ध है?
सुषमा कटारिया, आगरा
लेजर द्वारा चश्मा उतारने की आधुनिकतम तकनीक का नाम रीलेक्सस्माइल है। यह तकनीक 100 प्रतिशत ब्लेडरहित, फ्लैपरहित और पूरी तरह लेजर से संचालित है। यह चश्मे से निजात पाने का एक सुरक्षित व सटीक तरीका है, जिससे उत्तम दृष्टि परिणाम मिलते हैं और पारंपरिक लेसिक तकनीक की तुलना में आंखें कम शुष्क (ड्राई) होती हैं। यह तकनीक देश के कुछ ही चुनिंदा केन्द्रों में उपलब्ध है।
दो साल की बेटी की आंखें भेंगापन से ग्रस्त हैं। क्या यह डिफेक्ट उम्र के साथ ठीक हो जाता है या डॉक्टर द्वारा इलाज कराना चाहिए?
जे.के चतुर्वेदी, पटना
माता व पिता को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि जैसे ही आपको अपने बच्चे की आंख में भेंगापन (स्कि्वन्ट) के लक्षण दिखें, तो शीघ्र ही नेत्र विशेषज्ञ को दिखाएं। शिशुओं में भेंगेपन के रूप में कोई अन्य बीमारियां जैसे मोतियाबिंद, ट्यूमर आदि भी छिपी हो सकती हैं। भेंगापन अपने आप ठीक नहीं होता। इसके सही उपचार का निर्णय केवल नेत्र चिकित्सक का होना चाहिए। जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, उतनी सुधार की संभावना अधिक होगी। भेंगापन की सर्जरी बच्चे की दृष्टि को प्रभावित नहीं करती।