रंग में भंग न डाल दे भांग
बाबा जी की बूटी, भोले का प्रसाद, होली की ठंडाई और कई अन्य नामों से लोगों के बीच अपनी पहचान बना चुकी भांग, होली के रंग में भंग डालने का काम कर सकती है। होली के पर्व को हर्षोल्लास और उमंग व रंगों के साथ मनाने के साथ भांग से परहेज किया जाए तो बेहतर है।
संवाददाता, नोएडा। बाबा जी की बूटी, भोले का प्रसाद, होली की ठंडाई और कई अन्य नामों से लोगों के बीच अपनी पहचान बना चुकी भांग, होली के रंग में भंग डालने का काम कर सकती है। होली के पर्व को हर्षोल्लास और उमंग व रंगों के साथ मनाने के साथ भांग से परहेज किया जाए तो बेहतर है।
होली पर भांग दो रूपों में लोगों के सामने आती है। पहला पकौड़ी के रूप में और दूसरा ठंडाई के रूप में। दोनों में किसी भी प्रकार से भांग से सेवन नुकसानदायक है। भांग खाने के बाद कई बार सिरदर्द, चक्कर आने, उल्टी होना की समस्या आती है। किसी एक काम को व्यक्ति लगातार करता रहता है। कई बार भाग खाने के बाद अचानक से अधिक खाने की इच्छा होती है जो सेहत के लिए खतरनाक है। विशेषज्ञों के मुताबिक भांग का सेवन नियमित रूप से करना तो नुकसानदायक है ही, कभी-कभार भी भांग खाने के कारण कई दिक्कतें हो जाती हैं। भांग खाने के बाद वाहन चलाना सबसे अधिक खतरनाक है। वहीं भांग के सेवन के बाद पैदल चलना भी कम जोखिम भरा रहा है। भांग खाने के बाद कई बार व्यक्ति अपनी सुध खो देता है। भांग के रसायनिक यौगिक आंख, कान, त्वचा और पेट को प्रभावित करते हैं। ऐसे में उसके साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। इस स्थिति में बेहतर है कि रंगों के इस त्योहार को बिना नशे के मनाया जाए।
भांग से होने वाले नुकसान
-भूख में कमी या अचानक से तेज भूख लगने की समस्या आती है।
-नींद आने में दिक्कत और चिड़चिड़ापन हावी हो जाता है।
-कई बार बैचेनी के साथ तेज गुस्सा आता है।
-घबराहट के साथ उल्टी भी हो सकती है।
-काम के दौरान भांग का सेवन करने से दिन में सपने देखने की संभावना बढ़ जाती है।
-व्यक्ति अपने मन की स्थिति के अनुसार प्रिय या अप्रिय प्रभाव महसूस करता है।
-मानसिक विहार होने की भी रहती है आश्ाका।
लोकेश