जिला परिषद करोड़ों की जमीन पर कर रहा दावा, वहां पहले से ही महिला का कब्जा
जिला परिषद जगाधरी में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के नजदीक करोड़ों की जिस जमीन (जहां पहले डीएसपी कार्यालय व थाना जगाधरी था) को अपना बता रहा है उस पर पहले से ही कोत्तरखाना गांव की लखविद्र कौर का कब्जा है। इतना ही नहीं बिजली निगम ने महिला को बिजली कनेक्शन भी दे रखा है। जिला परिषद अधिकारी व लखविद्र कौर दोनों ही जमीन को अपनी बता रहे हैं। अधिकारी इस जमीन का रिकार्ड खंगालने में लगे हैं। यदि ये जमीन जिला परिषद की है तो इसके अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिला परिषद जगाधरी में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के नजदीक करोड़ों की जिस जमीन (जहां पहले डीएसपी कार्यालय व थाना जगाधरी था) को अपना बता रहा है उस पर पहले से ही कोत्तरखाना गांव की लखविद्र कौर का कब्जा है। इतना ही नहीं बिजली निगम ने महिला को बिजली कनेक्शन भी दे रखा है। जिला परिषद अधिकारी व लखविद्र कौर दोनों ही जमीन को अपनी बता रहे हैं। अधिकारी इस जमीन का रिकार्ड खंगालने में लगे हैं। यदि ये जमीन जिला परिषद की है तो इसके अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। मीटिग में जोर-शोर से उठा था जमीन का मामला
तीन दिसंबर को सचिवालय में जिला परिषद की मीटिग उपाध्यक्ष अनिल संधू की अध्यक्षता में हुई थी। मीटिग में जिप के सीईओ सोनू राम व डिप्टी सीईओ शंकर लाल गोयल भी मौजूद थे। तब जिला पार्षद धर्मपाल तिगरा ने मामला उठाया था कि जगाधरी-अंबाला मार्ग पर पुलिस विभाग से जमीन खाली कराए जाने के बाद इसे ऐसे ही खाली छोड़ दिया गया। खाली जमीन पर भूमाफिया की नजर है। इसलिए इस जमीन पर जल्द से जल्द कब्जा करते हुए इसकी चाहरदीवारी कराई जाए। जमीन की कीमत 20 से 25 करोड़ रुपये हैं। कोर्ट का फैसला हमारे हक में : लखविद्र कौर
लखविद्र कौर ने बताया यह जमीन उसके पिता फौजा सिंह के नाम पर है। पुलिस ने उनकी जमीन पर अवैध रूप से थाना व डीएसपी कार्यालय बना दिया। उन्होंने कोर्ट में जमीन के हक के लिए केस किया था। 20 जुलाई 2016 को कोर्ट ने 11 कनाल 9 मरले जमीन का फैसला उनके हक में दिया। कोर्ट ने जिला परिषद को एक्स पार्टी कर दिया था। जिस जमीन पर पीएनबी, एटीएम व छह दुकानें हैं वो भी उनकी ही जमीन पर बनी हैं। बीडीपीओ उनकी जमीन का किराया अवैध रूप से लेते रहे। इसके साथ लगती उनकी जमीन पर नगर निगम ने भी कब्जा कर रखा है। कोर्ट से फैसला आने के बाद वे जमीन की असेस्मेंट अपने नाम कराना चाहते हैं लेकिन निगम अधिकारी इसके बदले में उनसे 50 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। जिला परिषद उनकी जमीन पर पता नहीं कैसे हक जता रहा है। दो माह पहले ही जमीन पर उन्होंने बिजली मीटर भी लगवाया है। अधिकारियों की लापरवाही है : धर्मपाल
पार्षद धर्मपाल तिगरा ने बताया कि गत चुनाव में जब मेरी पत्नी रीना रानी जिप की चेयरपर्सन थी तो कोर्ट में इस जमीन के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई थी। कोर्ट ने जिप के हक में फैसला दिया था। इस फैसले के कागज भी हमारे पास हैं। इस जमीन पर यदि किसी महिला ने कब्जा कर रखा है तो वह अधिकारियों की लापरवाही से हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। रिकार्ड निकलवा रहे हैं : सीईओ
जिप सीईओ सोनू राम ने बताया कि यह मामला मीटिग में भी उठा था। इस जमीन का रिकार्ड निकलवा रहे हैं।