साप्ताहिक साक्षात्कार.. हमारे पास पर्याप्त बिजली, जिलेभर में नहीं आएगी दिक्कत : योगराज
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर ने की दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार से बात बोले
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिदगी की जरूरत बन गई बिजली गर्मी में लोगों के साथ आंखमिचौनी का खेल रही है। कभी बिजली की तार टूट जाने से आपूर्ति बाधित होती है तो कभी सरकारी आदेशों के अनुसार कट लगाए जा रहे हैं। इससे दिक्कत लोगों की बढ़ गई है। इसलिए बिजली निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी ऐसे समय पर ओर भी ज्यादा बढ़ जाती है। आने वाला समय धान की रोपाई का है। रोपाई के लिए किसानों को खेत तैयार करने हैं। धान की रोपाई तो होती ही तब है जब खेत में पानी होगा।धान रोपाई के समय किसानों को व गर्मियों में किसानों को किसी तरह की दिक्कत न आए इसके लिए क्या योजना बिजली निगम की है। इस पर निगम के एसई योगराज ने दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार से बातचीत की: सवाल : गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली कट भी बढ़ गए हैं।
जवाब : हमारी तरफ से कोई कट नहीं लगाए जा रहे। कई बार तार गर्म होने के कारण टूट जाते हैं। इसके अलावा ट्रक भी पोल और तार को तोड़ देते हैं। इन्हें ठीक करने के लिए परमिट लेना पड़ता है। इस कारण कट लगता है। कर्मचारियों को हिदायत दे रखी है कि कोई भी खराबी आए तो उसे तुरंत ठीक किया जाए। सवाल : गर्मी में बिजली आपूर्ति ठीक से क्यों नहीं हो पाती।
जवाब : गर्मियों के दिनों में बिजली का लोड काफी बढ़ जाता है। रात को हर घर में कई-कई पंखे, एसी चलते हैं। इस समय लोगों को करीब 300 मेगावाट बिजली हर रोज दी जा रही है। आगे गर्मी बढ़ने इसलिए डिमांड भी बढ़ जाएगी। दूसरा इन दिनों नदियों में पानी की कमी हो जाती है, क्योंकि बरसात नहीं हो रही। कम पानी में बिजली उत्पादन नहीं हो पाता। यदि नियमित अंतराल पर बारिश होती रहे तो बिजली सप्लाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आती। सवाल : म्हारा गांव, जगमग गांव योजना कहां तक सिरे चढ़ी है।
जवाब : म्हारा गांव, जगमग गांव योजना के तहत सभी गांवों में लोगों के मीटर घरों के बाहर लगाए जा रहे हैं। इनमें से जिन गांवों के बिजली बिलों की रिकवरी और लाइन लॉस 90 प्रतिशत से अधिक है उनमें 24 घंटे बिजली दी जा रही है। जबकि बाकी को 18 से 21 घंटे बिजली दे रहे हैं। प्रयास है कि इस साल सभी गांव जगमग हो जाएं। सवाल : बिजली चोरी रोकने के लिए क्या कर रहे हैं।
जवाब : बिजली चोरी रोकने के लिए निगम की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है। करोड़ों रुपये के बिलों का बकाया लोगों की तरफ है। इसमें से काफी रिकवरी विभाग ने की भी है। बिजली चोरी रोकने के लिए एसडीओ और जेई के नेतृत्व में टीमें बना रखी हैं। ये टीमें किसी भी समय मीटर चेक करने जा सकती हैं। ये तो लोगों को भी देखना चाहिए कि वो बिल समय पर भरें, क्योंकि बिल नहीं भरेंगे तो निगम को घाटा होगा। घाटा होने पर निगम बिजली कैसे खरीद पाएगा। इसलिए बिल भरने पर लोगों का अपना ही फायदा है। उन्हें ज्यादा समय बिजली मिल सकेगी। शहर में 10 से 15 प्रतिशत ही मीटर रह गए हैं जो घरों के अंदर हैं। इन्हें भी जल्द बाहर निकाला जाएगा। सवाल: लोगों की शिकायत है कि रात को बिजली खराब होने पर कर्मचारी ठीक करने नहीं आते।
जवाब : ऐसा नहीं है। अब पावर हाउस में रात को भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। सूचना मिलने पर कर्मचारी तुरंत मौके पर जाता है और सप्लाई को ठीक करता है। कई बार एक साथ कई जगह बिजली खराब हो जाती है। दो दिन पहले ही जगाधरी शहर, ग्रामीण व मॉडल टाउन समेत कई जगहों के टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए हैं। इन पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सवाल : कुछ दिन के लिए धान रोपाई शुरू हो जाएगी। निगम की क्या तैयारी है।
जवाब : धान रोपाई के समय किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने देंगे। खेत में ट्यूबवेल चलाने के लिए किसान को आठ घंटे बिजली देने का प्रावधान है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो इससे आठ घंटे से ज्यादा समय भी बिजली दी जाएगी। सवाल : अभी भी कई जगह लोहे के पोल, जर्जर तार हैं जो टूटकर हादसों का कारण बन रहे हैं।
जवाब : जितने भी लोहे के पोल आबादी वाले क्षेत्र में खड़े हैं उन्हें बदला जा रहा है। कुछ पोल ही रह गए होंगे उन्हें भी जल्द बदल दिया जाएगा। फिलहाल तारों व ट्रांसफार्मरों की मेंटेनेस का काम जोरों पर चल रहा है। इससे ब्रेक डाउन नहीं होगा। सर्वे में जिस एरिया में ज्यादा पुराने ट्रांसफार्मर या तार मिलेंगे उन सभी को बदला जाएगा। सवाल : निगम के स्टाफ की कमी कब तक पूरी होगी।
जवाब : स्टाफ की कमी पर मुख्यालय में समय-समय पर पत्र लिखा जाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए डीसी रेट या फिर ठेकेदार के माध्यम से कर्मचारी लगाए जाते हैं। हमारा प्रयास है कि स्टाफ की कमी से बिजली उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत न आने पाए। सवाल : बिजली चोरी रोकने में आम आदमी क्या योगदान दे सकता है।
जवाब : बिजली चोरी की सूचना देने में सभी अपना योगदान दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। दूसरा जो सूचना देगा उसे जुर्माना राशि में से इनाम स्वरूप प्रोत्साहन राशि दी जाती है ताकि अधिक से अधिक लोग निगम की मदद के लिए आगे आए। सवाल : लोगों से सहयोग के लिए क्या कदम उठाए हैं।
जवाब : इसके लिए निगम ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है। एसई, एक्सईएन से लेकर एसडीओ स्तर पर वाटसएप ग्रुप बनाए हैं। इनमें आम जनता को भी जोड़ा गया है। किसी एरिया में बिजली की दिक्कत या खराबी है तो वे ग्रुप में सूचना दे सकते हैं। वहीं, जब कट लगना या सप्लाई बंद होने की सूचना लोगों को पहले से ही ग्रुप में दे दी जाती है।
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