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शहर में वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम से मिलेगी जल भराव से निजात

संजीव कांबोज, यमुनानगर ट्विनसिटी में बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था बीमार है। थोड़ी सी ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 03:00 AM (IST)
शहर में वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम से मिलेगी जल भराव से निजात
शहर में वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम से मिलेगी जल भराव से निजात

संजीव कांबोज, यमुनानगर

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ट्विनसिटी में बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था बीमार है। थोड़ी सी बारिश होते ही कई कालोनियां जलमग्न हो जाती हैं और घरों में पानी घुस जाता है। जल भराव की समस्या और जल संरक्षण के उद्देश्य से अब नगर निगम ने एक कदम बढ़ाया है। जल संचयन के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शहर के दो स्थानों पर रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाए जाएंगे। सकारात्मक परिणाम सामने आने उन सभी क्षेत्रों में यह सिस्टम लगाए जाएंगे, जहां बारिश के दिनों में जल भराव की समस्या है।

इन कालोनियों में स्थिति खराब

1. प्रोफेसर कालोनी, यमुनानगर।

2. मटका चौक, जगाधरी।

3. विशालनगर, जगाधरी।

4. सरोजिनी कालोनी फेज एक, यमुनानगर।

5. शिव मंदिर, सावनपुरी, जगाधरी।

6. संत थॉमस स्कूल, जगाधरी।

7. खालसा कॉलेज, यमुनानगर।

8. कैनाल रेस्ट हाउस रोड, यमुनानगर।

9. स्वर्गाश्रम, बुडि़या चुंगी से जगाधरी बाजार रोड।

10. टैगोर गार्डेन, यमुनानगर।

संस्था आई आगे

पर्यावरण मित्र फाउंडेशन ने शहर में जल भराव की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा है। डायरेक्टर मयंक गर्ग और अध्यक्ष चिराग ¨सघल ने कहा कि जल भराव की समस्या से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के साथ ही जल संचय जरूरी है। पर्यावरण मित्र फाउंडेशन की टीम के सदस्यों ने शहर में घूम कर पूरा सर्वे किया और विशेषज्ञों के साथ बातचीत की। कुछ स्थान ऐसे भी खोजे गए हैं, जहां सबसे अधिक जल भराव होता है। फिलहाल 10 ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं। उनके मुताबिक शहर की इस जलभराव की समस्या का हल वर्षा जल संचयन व्यवस्था से ही हो सकता है, जिसमें फाउंडेशन प्रशासन के साथ काम करेगी।

बीते वर्ष हुई थी किरकिरी

बीते वर्ष 14 जुलाई को बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। 354 एमएम बारिश से शहर जल मग्न हो गया था। शायद ही कोई ऐसी कालोनी होगी जहां जल भराव न हो। जिस कालोनी में कभी सोचा भी नहीं होगा, वहां भी पानी जमा हो गया है और कई दिन तक स्थिति सामान्य नहीं हुई थी। निकासी की व्यवस्था पर सवाल उठे और सरकार की खूब किरकिरी हुई। व्यवस्था में सुधार के लिए बाद में जगाधरी के पानी को परवालो स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने की योजना बनाई, जिस पर अभी काम चल रहा है।

जल भराव से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम में सुधार किया जा रहा है। शहर में रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाने की योजना है। शुरुआती दौर में पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर दो सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे भू-जल स्तर में भी सुधार आएगा और जल भराव की समस्या से भी निजात मिल सकेगी।

गिरीश अरोड़ा, कमिश्नर, नगर निगम।


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