खेत से मंडी तक भीगा अनाज, 30 एमएम हुई बारिश
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गेहूं कटाई के सीजन में बारिश किसानों पर कहर बरपा रही ह
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : गेहूं कटाई के सीजन में बारिश किसानों पर कहर बरपा रही है। बुधवार को जिले में करीब 30 एमएम बारिश हुई। उससे गर्मी से निजात तो अवश्य मिली है, लेकिन किसानों के चेहरों की शिकन बढ़ गई है। जगाधरी और बिलासपुर में अधिक बारिश हुई। सुबह करीब चार बजे गड़गड़ाहट के साथ मौसम में बदलाव आया और दिनभर कभी हल्की तो कभी जोरदार बारिश होती रही। इससे शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गई और दिनभर जन-जीवन प्रभावित रहा। बारिश के कारण केवल गेहूं ही नहीं बल्कि आम, लीची, आड़ू आदि भी प्रभावित हुई हैं, क्योंकि इन फसलों पर इन दिनों बौर आया हुआ है और तेज बारिश से वे झड़ गए है।
ट्विनसिटी में रुक-रुककर बारिश होती रही। बारिश के बाद तापमान में काफी गिरावट आई, लेकिन जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। सुबह के समय लोग देरी से अपने गंतव्य पर पहुंचे और आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। करीब एक बजे जगाधरी में जोरदार बारिश हुई, लेकिन रादौर, छछरौली और खिजराबाद क्षेत्र में मौसम साफ रहा। दोपहर बाद बादल छाए रहे और तेज हवा चलती रही। इससे कई जगी गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई। किसानों का कहना है कि फसल के जमीन पर बिछ जाने से पैदावार प्रभावित होगी।
हाईवे पर जलभराव
बारिश से नेशनल हाईवे पर जगह-जगह जल भराव की स्थिति रही। इसके नेहरू पार्क, मधु चौक से कन्हैया चौक तक पानी जमा रहा। निकासी की व्यवस्था दुरुस्त न होने के कारण प्रोफेसर कालोनी की गलियों में गंदा पानी बहा। सड़कों के किनारे पानी इकट्ठा होने के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि निकासी के नाम पर नगर निगम द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति किसी से छिपी नहीं है। सड़कों से न तो पानी की निकासी हो रही है और न ही कालोनियों में। थोड़ी सी बारिश होते ही जल भराव के जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।
दो दिन तापमान में गिरावट
बुधवार को अधिकतम 32 और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिसार के कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक अगले दो दिन बादल छाए रह सकते हैं। इस दौरान अधिकतम 33-34 और न्यूनतम 16-18 डिग्री सेल्सियस तापमान की संभावना जताई जा रही है। उसके बाद मौसम साफ रहने की संभावना है।
मंडियों में यह स्थिति
मंडियों में इक्का-दुक्का किसान ही गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। मंगलवार तक जो गेहूं मंडियों में पहुंचा, उसको फड़ों पर सुखाया जा रहा है। बुधवार को बारिश होने पर इसे आनन-फानन में इकट्ठा किया गया, लेकिन बारिश की मार से अछूता नहीं रहा। नमी के कारण पहले ही मंडियों में पड़ी यह गेहूं और भी गीली हो गई। खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल को भी बारिश की मार झेलनी पड़ी। उधर, कृषि अधिकारियों का कहना है कि गेहूं की कटाई और थ्रे¨शग पर बारिश का असर पड़ेगा। अनुमान लगाया जा रहा था कि अप्रैल के पहले सप्ताह में मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ जाएगी, लेकिन बारिश होने पर अब ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
तेज हवा से कहीं-कहीं गेहूं की फसल गिर गई है। विभागीय टीम खेतों में स्थिति का जायजा ले रही है। जिन किसानों ने फसल का बीमा कराया हुआ है, वह प्रभावित फसल की सूचना 48 घंटे के अंदर-अंदर कृषि विभाग के कार्यालय में दें, ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके और किसान को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना का लाभ मिल सके। खेतों में पानी जमा न होने दें, निकासी का बंदोबस्त अवश्य करें। बारिश के कारण कटाई कई दिन तक प्रभावित रहेगी।
-डॉ. आदित्य प्रताप डबास, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।