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शिव कालोनी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वार्ड-17 के अंतर्गत आने वाली शिव कॉलोनी के लोगों को मूलभूत सुि

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Apr 2017 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 08 Apr 2017 12:31 AM (IST)
शिव कालोनी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर
शिव कालोनी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वार्ड-17 के अंतर्गत आने वाली शिव कॉलोनी के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन यापन करना पड़ रहा है। जिनमें कच्ची गलियां, सफाई व पेयजल व्यवस्था न होना, सीवरेज लाइन न होना, पानी की निकासी की समस्याएं प्रमुख हैं। इन समस्याओं को लेकर लोगों में प्रशासन के विरुद्ध खासा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि गृहकर देने के बावजूद वे मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं, जबकि कालोनी को बसे काफी समय हो चुका है। उनका कहना है कि गली में पानी की निकासी न होने के कारण गड़ढों में गंदा पानी इकट्ठा करना पड़ रहा है। जिसे बाल्टी में भरकर खाली स्थान पर फेंकना पड़ता है। उससे बारिश के दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि इस बारे निगम अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उनकी मांग है कि इन समस्याओं का हल जल्द निकाला जाए।

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रणजीत का कहना है कि कालोनी में कोई सफाई कर्मी नही आता है। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाले कर्मी ने भी आना बंद कर दिया है। गृहकर अदायगी के बावजूद मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं।

मंजू का कहना है कि गलियां कच्ची होने से बारिश के दिनों में काफी दिक्कत होती है। पेयजल सप्लाई न होने के कारण दूर से पानी लाना पड़ता है। जिससे रोजमर्रा के कार्यो में दिक्कत होती है।

अभयराज का कहना है कि सफाई व्यवस्था न होने से लोग खाली प्लॉटों में गंदगी गिरा रहे हैं। कॉलोनी में अलग-अलग जगहों पर डस्टबिन की व्यवस्था होनी चाहिए। तभी गंदगी की समस्या दूर हो पाएगी।

प्रेमशंकर का कहना है कि गंदगी के कारण साल कालोनी में डेंगू व चिकनगुनिया बुखार का प्रकोप बढ़ा था। कूड़े को आवारा पशु मुंह मारकर इधर-उधर फैला रहे हैं। उसकी दुर्गुध से घरों में बैठना मुश्किल हो जाता है।

पवन कुमार का कहना है कि लोगों को गृहकर लक्ष्मीनगर के नाम पर भेजा जा रहा है। यह सरासर गलत है, जबकि शिव कालोनी का क्षेत्र काफी बड़ा है। आधे क्षेत्र को निगम रिकार्ड में वैध किया जा चुका है।

कालोनी को बसे 20 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इस जमीन पर जमीदारों के खेत थे। उन्हें खरीदकर प्लॉट काटे गए। यहां चार सौ घरों की कुल आबादी 2500 है।

इस बारे में वार्ड पार्षद सुशल जावला का कहना है कि इन समस्याओं को हल करवाने के लिए निगम के माध्यम से सरकार को पत्र भेजा जा चुका है। निगम रिकार्ड में कालोनी का आधा क्षेत्र अवैध है। इस कारण विकास कार्यो को कराने में दिक्कत हो रही है। सफाई व्यवस्था के लिए मंजूरी मिल चुकी है। एक सप्ताह तक कूड़ा उठवा दिया जाएगा।


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