सब्जी विक्रेताओं को नहीं मिल रही छत
संवाद सहयोगी, रादौर : अनाज मंडी में 20 वर्ष से सब्जी मंडी खुले आसमान के नीचे लग रही है। अनाज
संवाद सहयोगी, रादौर : अनाज मंडी में 20 वर्ष से सब्जी मंडी खुले आसमान के नीचे लग रही है। अनाज मंडी में सब्जी मंडी के आढ़तियों के लिए मार्केट कमेटी ने कोई स्थान निश्चित नहीं किया है। इसका खामियाजा मंडी के आढ़ती और सब्जी उत्पादक किसान भुगत रहे हैं। अनाज मंडी में धान या गेहूं का सीजन शुरू होते ही अस्थायी तौर पर सब्जी मंडी लगा रहे आढ़तियों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती है।
मंडी में सीजन के समय सब्जी मंडी के आढ़तियों को अपनी सब्जी बेचने के लिए भी जगह नहीं मिलती। वर्षो से सब्जी मंडी के आढ़ती सरकार व प्रशासन के अधिकारियों से अलग सब्जी मंडी बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया। हर सरकार ने में सब्जी मंडी बनाने के नाम पर स्थानीय लोगों को मूर्ख बनाया। जिस कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है।
सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान विजय कुमार ढंग बताया कि 20 वर्ष पहले वह रादौर के मेन बाजार में अपनी दुकानों पर किसानों की सब्जियां खरीदकर आढ़त का काम कर रहे थे। 1997 में तत्कालीन जिला उपायुक्त सीएम चौधरी ने मार्केट कमेटी को आदेश दिए थे कि रादौर के बाजार में सब्जी बेचने वाले आढ़ती अनाज मंडी के फड़ पर अपनी सब्जी बेचें। आढ़तियों ने बताया कि 20 साल से वह खुले आसमान के नीचे सर्दी, गर्मी, बरसात, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि के दौरान किसानों की सब्जियों को बेचने का काम करते हैं। खुले आसमान के नीचे किसानों व आढ़तियों को भारी नुकसान होता है। किसानों की बारिश में सब्जियां खराब हो जाती है। वहीं गेहूं व धान के सीजन में मंडी के आढ़ती व मार्केट कमेटी के अधिकारी सब्जी मंडी के आढ़तियों को मंडी से खदेड़ देते हैं। जिस कारण उन्हें धान व गेहूं के सीजन में सब्जी बेचने के लिए मंडी में कोई जगह नहीं मिलती। सब्जी मंडी के आढ़तियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र भेजकर अपनी समस्या व मांगों से अवगत कराया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार में अलग से सब्जी मंडी बनाकर स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाए। उससे सब्जी के आढ़तियों व किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।