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कर्मियों की मांगों को पूरा करे सरकार : अमर ¨सह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पूर्व में हुए समझौते के तहत पक्के किए गए 8200 चालकों-परिचालका

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Nov 2017 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 24 Nov 2017 11:09 PM (IST)
कर्मियों की मांगों को पूरा करे सरकार : अमर ¨सह
कर्मियों की मांगों को पूरा करे सरकार : अमर ¨सह

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पूर्व में हुए समझौते के तहत पक्के किए गए 8200 चालकों-परिचालकों के मामले से छेड़छाड़ की गई तो उसका विरोध किया जाएगा। कर्मचारी पहले ही आंदोलन की राह पर हैं। सरकार उनके जले पर नमक छिड़कने वाले फैसले कर रही है। ये बातें कर्मचारी नेता रतन ¨सह ने कही। वे शुक्रवार को रोडवेज परिसर में धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे।

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महासचिव अमर ¨सह ने कहा कि एडवोकेट जनरल के पत्र के हवाले से विभाग के महानिदेशक ने पत्र लिखा है, जिसमें पूर्व में पक्के किए गए 8200 चालकों-परिचालकों को पक्का करने के बजाय केवल रेगुलर पे-स्केल देने की जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग की यूनियनों और पूर्व की सरकार के बीच जो समझौता हुआ था, उसके तहत लंबे समय से कार्यरत 8200 चालकों और परिचालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने पर सहमति बनी थी। इस मसले पर विभाग की यूनियनों और मौजूदा सरकार के बीच भी बातचीत में सहमति हो गई थी। महाधिवक्ता के पत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया गया है कि ऐसे कर्मचारियों को रेगुलर करने के बजाय रेगुलर पे-स्केल किया जा सकता है, लेकिन यह बात गौर करने वाली है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तब तक ये कर्मचारी पक्के हो चुके थे। यूनियनों से तीन बार हुए समझौतों को लागू न करने, इंटरस्टेट की बसों को बंद करने, विभाग में फैले भ्रष्टाचार को कोर्ट के आदेश की आड़ में लागू कर रोडवेज बसों का संचालन बाधित करने आदि मांगों पर किया गया था। यह धरना प्रदेश सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ दिया गया है। दूसरे राज्यों में प्रदेश की बसों का प्रवेश बंद करने का फरमान तुगलकी है। सरकार प्रदेश को राम भरोसे छोड़ना चाहती है। शुरू से ही निजीकरण का विरोध रहा है। फिर से सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। निजी बसों को आगे लाना चाहती है, जबकि यह निर्णय सरकार हित में नहीं है। इसके साथ ही कई राज्यों में निजीकरण फेल हो चुका है। सरकार अपने निर्णय को टाले नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बसों की संख्या बढ़ाने के साथ कर्मियों को पक्का करे। कर्मियों ने 11 से चार बजे तक परिसर में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। इस दौरान बसे बंद नहीं की गई। बसे चलती रहीं। यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। इस मौके पर फूल कुमार, जरनैल ¨सह, अमर ¨सह, श्याम लाल, महीपाल, जस्सा, रणधीर, दिलदार, सुमित आदि उपस्थित रहे।


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