गेहूं पर छाए संकट के बादल, सांसत में धरतीपुत्र
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खेत में तैयार गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खेत में तैयार गेहूं की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मंगलवार से शुक्रवार के बीच आंशिक बादल छाए रहने, बारिश होने और तेज हवा चलने की संभावना जताई जा रही है। जिले में सुबह बूंदाबांदी भी हुई। मौसम में आए बदलाव से किसान चिंता में हैं, क्योंकि इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार है और कटाई भी शुरू हो चुकी है। यदि बारिश और तेज हवा चलती हैं तो भारी नुकसान हो सकता है। फसल के लिहाज से इन दिनों ऐसा मौसम ठीक नहीं है। जिले में करीब 87 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल लहलहा रही है और करीब 410 हजार टन गेहूं की पैदावार का लक्ष्य कृषि विभाग ने रखा है।
किसानों की बढ़ेंगी परेशानी
किसान पवन कुमार, शिव कुमार, गुरनाम ¨सह, संत कुमार आदि का कहना है कि इस बार गेहूं की बंपर पैदावार की संभावना जताई जा रही है। खास बात यह है कि अब तक मौसम फसल के अनुकूल रहा, लेकिन यदि मौसम खराब हो जाता है, तो भारी नुकसान की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे मौसम में फसल के गिरने की आशंका रहती है। फसल के गिरने से कटाई भी प्रभावित होगी और पैदावार पर भी असर पड़ेगा।
कटाई में जुटे किसान
बीते दिनों तापमान में आई बढ़ोतरी ने फसल को एकदम पका दिया है। इन दिनों किसान पूरी तरह फसल की कटाई में जुटे हुए हैं। खेतों में कहीं मजदूरों को कटाई करते हुए देखा जा सकता है, तो कहीं रीपर की मदद ली जा रही है। यदि बारिश होती है, तो कटाई प्रभावित हो जाएगी। हालांकि मंडियों में भी गेहूं की आवक धीरे-धीरे तेजी पकड़ रही है, लेकिन नमी होने से अभी सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है।
मौसम ऐसा रहने की संभावना
हिसार के कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक 6 अप्रैल तक मौसम में बदलाव की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से बूंदाबांदी और तेज हवा की संभावना है। मौसम में बदलाव को देखते हुए किसान कटी हुई फसल को बांध लें, ताकि तेज हवाओं से नुकसान न हो। उनके मुताबिक आज बादल छाए रह सकते हैं और बृहस्पतिवार को बूंदाबांदी हो सकती है। इसलिए किसान एहतियात बरतें।
जिलावार एरिया व उत्पादन का लक्ष्य
जिला एरिया उत्पादन
हिसार 230 1069
फतेहाबाद 188 915
सिरसा 305 1481
भिवानी 180 816
रोहतक 100 428
झज्जर 100 495
सोनीपत 145 682
गुड़गांव 47 221
फरीदाबाद 28 134
करनाल 174 855
पानीपत 87 427
कुरुक्षेत्र 114 547
कैथल 175 849
अंबाला 85 400
पंचकूला 15 57
यमुनानगर 87 410
जींद 215 989
महेंद्रगढ़ 48 226
रिवाड़ी 47 221
मेवात 75 315
पलवल 100 460
(एरिया हजार हैक्टेयर और उत्पादन हजार टन में है)
खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार है। बारिश और तेज हवा नुकसान का कारण बन सकती है। अब तक मौसम फसल के अनुकूल रहा है और अच्छी पैदावार की संभावना जताई जा रही है।
आदित्य कुमार डबास, जिला उप निदेशक, कृषि विभाग।