निकासी की परीक्षा में फेल रहा प्रशासन
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वही हुआ, जिसका डर था। नालों की सफाई पर प्रशासनिक दावे खोख
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वही हुआ, जिसका डर था। नालों की सफाई पर प्रशासनिक दावे खोखले साबित हुए। वे मानसून की पहली केवल 50 एमएम बारिश भी नहीं झेल पाए। सफाई न होने से नाले ओवरफ्लो हो गए और सड़कों-गलियों में कई फुट पानी जमा हो गया। नेशनल हाईवे आइटीआइ चौक के समीप करीब एक घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई। इसके अलावा बस स्टैंड के बाहर और कोर्ट में कई घंटे तक पानी भरा रहा। लोगों का कहना है कि मानसून की पहली बारिश ने ही प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल दी है।
मंगलवार सुबह जिले में करीब दो घंटे बारिश हुई। बारिश होने के कई घंटों बाद तक नालों और कई सड़कों पर पानी तेजधार के साथ बहता रहा। जगाधरी की भगीरथ कालोनी, मधुबन कालोनी और यमुनानगर में कैंप क्षेत्र, जम्मू कालोनी, लाजपतनगर, आजाद नगर, छोटी लाइन, प्रोफेसर कालोनी, झंडा चौक आदि कालोनियां घंटों जलमग्न रहीं। पानी का भराव होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई।
निकासी में जुटे रहे कर्मचारी
बारिश के बाद कर्मचारी नालों की सफाई करते जुट गए। कई जगह सड़क तोड़कर पानी की निकासी की व्यवस्था की, लेकिन जगाधरी की कई कालोनियों से गुजर रहा मुख्य नाले की सफाई न होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी, क्योंकि जगाधरी से आ रहा यह नाला यमुनानगर की कई कालोनियों से होता हुआ एसटीपी तक पहुंचता है। यह नाला ओवरफ्लो होने से जम्मू कालोनी और लाजपतनगर की गलियों में कई फुट पानी भर गया।
सड़कों पर बढ़ी परेशानी
बारिश से सड़कों की बदहाली बढ़ गई है। निकासी न होने से सड़कों और सड़कों के किनारे पानी खड़ा रहा। कई सड़कों पर भरी मिट्टी और कंकड़ गड्ढों से बाहर आ गए और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़कों पर बने गड्ढों में पानी भरने से वाहन निकालने में परेशानी हुई। शादीपुर मार्ग पर जल भराव होने से सबसे अधिक परेशानी हुई। नेशनल हाईवे पर इंद्र लोक पैलेस के सामने गड्ढे में पानी भरा होने से वाहन चालक दिनभर परेशान रहे।
पिछले साल बनाया गया था प्लान
बीते वर्ष तेज बारिश से यमुनानगर-जगाधरी में बाढ़ के जैसी स्थिति पैदा हो गई थी और प्रशासन ने अनुमानित 150 करोड़ रुपये ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने की योजना बनाई थी। कार्य योजना के तहत सीवर व्यवस्था और ड्रेनेज व्यवस्था को अलग-अलग किया जाना है। जगाधरी से निकल रहे नाले को परवालो में बन रहे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में डाला जाना है, लेकिन एक वर्ष बीतने के बावजूद इस कार्ययोजना पर काम नहीं हुआ। इतना ही नहीं नालों की सफाई भी नियमित रूप से नहीं की जा रही है।
नालों की सफाई के लिए नगर निगम पूरी तरह गंभीर है। बारिश के कुछ देर बाद ही स्थिति सामान्य हो गई थी। मंगलवार को भी कर्मचारी दिनभर नालों की सफाई में जुटे रहे। कई जगह नाले कवर होने से निकासी में दिक्कत आती है, उसे जल्दी दूर करा दिया जाएगा।
गिरीश अरोड़ा, कमिश्नर, नगर निगम।