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तबाही मचाने के मूड में यमुना नदी, बहाव 8.28 लाख क्‍यूसिक के पार, कई गांवों में घुसा पानी

यमुना नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है और तबाही मचाने के मूड में दिख रही है। हरियाणा मेें कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 09:04 PM (IST)
तबाही मचाने के मूड में यमुना नदी, बहाव 8.28 लाख क्‍यूसिक के पार, कई गांवों में घुसा पानी
तबाही मचाने के मूड में यमुना नदी, बहाव 8.28 लाख क्‍यूसिक के पार, कई गांवों में घुसा पानी

यमुनानगर/ चंडीगढ़, जेएनएन। यमुना नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है और तबाही मचाने के मूड में नजर आ रही है। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश से साेम नदी सहित अन्‍य नदियों में भारी उफान आ गया है। यमुनानगर और आसपास के जिलों के कई गांवों में यमुना नदी का पानी घुस गया है। इससे इन गांवों के लोग सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे हैं। यमुना में हथनी कुंड बराज से यमुना नदी में पानी का बहाव 8.28 क्यूसेक  को भी पार कर गया है। यह अब तक का रिकार्ड है। इससे दिल्‍ली के लिए भी भारी खतरा है। यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सोमवार सुबह नदी में और उफान आ गया। लपरा सहित कई गांवों में यमुना का पानी घुस जाने से हड़कंप मच गया।

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 यमुना नदी में हथनी कुंड बैराज से बह रहा पानी 72 घंटे के बाद दिल्ली तक पहुंचेगा। इसके बाद यह वहां तबाही मचा सकता है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन हरीदेव कांबोज ने बताया कि नदियों में जल स्तर लगातार बढ़ा है। सभी नदियों में स्थिति की रिपोर्ट ली जा रही है। सुबह से ही अधिकारी नदियों पर नजर रखे हुए हैं।

यमुनानगर के लपरा गांव में सोमवार को घुसा यमुना नदी का पानी।

यमुना नदी में रविवार सुबह करीब पांच बजे से जल स्तर बढऩा शुरू हो गया था और साेमवार सुबह इसने विकराल रूप धारण कर लिया। नदी में आए उफान के कारण क्षेत्र में चर रहे जंगली व पालतू पशु पानी में बह गए। यमुना से सटे, लाकड़, माली माजरा, नवाजपुर, कन्यावाला, बेलगढ़, सैनी माजरा, बाकरपुर, लापरा, औधरी मंडी, माली माजरा, भोगपुर, सहित कई गांव में पानी पहुंच गया है। लेदी गांव का अन्‍य स्‍थानों से संपर्क कट गया है। पश्चिमी यमुना व पूर्वी यमुना नहर की सप्लाई रोक दी गई है। उत्तराखंड में बादल फटने के कारण जल स्तर और भी बढऩे की संभावना है। उधर, सोम नदी में भी उफान से नदी के आसपास के तीन दर्जन गांवों के खेतों में फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई जगहाें पर आबादी वाले क्षेत्र में भी पानी घुस गया है।

 

कब कितने पानी का बहाव

सुबह तीन बजे :       47536

चार बजे :       48171

पांच बजे :       62840

छह बजे    :     90426

सात बजे :        155525

आठ बजे :        258192

नौ बजे   :       325768

10 बजे   :       431067

11 बजे   :       510461

12 बजे :         594236 

एक बजे          656685

दो बजे           707786

चार बजे :        787277

पांच बजे        814397

छह बजे      828072 क्यूसेक

 

सात साल में पहली बार इतना पानी

गत सात वर्ष का रिकार्ड देखा जाए तो अगस्त माह में अब तक का रिकार्ड टूट गया है। अगस्त 2015 व 16 में यमुना उफान पर आई, लेकिन एक लाख 60 हजार क्यूसेक से अधिक बहाव नहीं रहा। अब तक सर्वाधिक पानी का बहाव 4 अगस्त 2012 को 98803 क्यूसेक रहा। 17 जून 2013 को 806464, 16 अगस्त 2014 को 128339, 16 अगस्त 2015 को 101360 क्यूसेक, अगस्त 2016 को 159219, 2 सितंबर 2017 को 147212, 28 जुलाई 2018 को 605949 क्यूसेक पानी का बहाव हुआ।

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भारी बरसात व तूफान से मोरनी का पंचकूला से संपर्क टूटा, कई रूट बंद

पंचकूला के मोरनी में शुक्रवार रात से बारिश के कारण 33 केवी लाइन में फाल्ट आ गया। मोरनी के टिक्कर ताल व मोरनी दोनों फीडरों की तार जगह-जगह से टूट गए हैं।  नीमवाला व मोरनी रायपुररानी रूट की सड़कें भी पूरी तरह बंद हो चुकी है। सड़कें बंद होने से कुछ समय के लिए मोरनी जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया। देर शाम लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी से रास्ते ठीक करवाना शुरू कर दिया था, जिसके बाद मुख्य सड़कों पर आवाजाही शुरू हो गई थी।

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उधर, बारिश के बाद निकासी नहीं होने से बरवाला कस्बे के कई घरों, दुकानों व बीडीपीओ कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बरवाला बिजली कार्यालय और पॉवर हाऊस में कई फीट तक पानी भर गया। वहीं नयागांव में राजकीय मिडल स्कूल व प्राथमिक पाठशाला में भी पानी घुस गया।

 
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मारकंडा नदी उफान पर, तीन गांव जलमग्न

भारी बारिश के कारण अंबाला जिले के तहत मुलाना की मारकंडा और बेगना नदी उफान पर है। नदियों का पानी गांव हेमामाजरा, ब्राह्मणमाजरा व जफरपुर में घुस गया, जबकि पांच गांवों ङ्क्षबजलपुर, पपलोथा, घेलड़ी, तंदवाल और खानपुरा में बाढ़ का खतरा है। इतना ही नहीं सैकड़ों एकड़ धान की फसल पर भी संकट गहरा गया है, जबकि प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। मारकंडा में 32 हजार क्यूसेक पानी आ चुका है, जबकि बेगना नदी का पानी भी लगातार बढ़ रहा है। में इन नदियों का पानी घुस चुका है। प्रशासन भी लोगों को अलर्ट रहने को कह रहा है।

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