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चूल्हा-चौका छोड़ टोल बेरियर पर धरने पर बैठी महिलाएं, बोलीं : स्वजन कड़ाके की ठंड में बाहर तो हम घरों में कैसे रहें

जागरण संवाददाता यमुनानागर आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार को महिला किसान दिवस मनाय

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 05:19 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 05:19 AM (IST)
चूल्हा-चौका छोड़ टोल बेरियर पर धरने पर बैठी महिलाएं, बोलीं : स्वजन कड़ाके की ठंड में बाहर तो हम घरों में कैसे रहें
चूल्हा-चौका छोड़ टोल बेरियर पर धरने पर बैठी महिलाएं, बोलीं : स्वजन कड़ाके की ठंड में बाहर तो हम घरों में कैसे रहें

जागरण संवाददाता, यमुनानागर :

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आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार को महिला किसान दिवस मनाया। इस दौरान चूल्हा चौका छोड़कर महिलाएं मिल्क माजरा स्थित टोल बेरियर पर धरने पर बैठ गई। भारतीय किसान यूनियन के डायरेक्टर मनदीप रोड छप्पर की पत्नी तेजिद्र कौर ने मंच संभाला। उन्होंने कहा कि जब उनके परिवार वाले कड़ाके की ठंड में सड़कों पर हैं तो वह घर कैसे बैठ सकती हैं। अब महिला शक्ति ने मोर्चा संभाल लिया है। कृषि कानूनों को रद करवाकर ही कदम पीछे हटाएंगी। 26 जनवरी को भारी संख्या में महिलाएं दिल्ली कूच करेंगी। यह प्रण ले लिया है। हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों से महिला शक्ति अपनी ताकत दिखाएंगी। इस दौरान महिलाओं ने ट्रैक्टर चलाकर भी शक्ति प्रदर्शन किया। इनसेट

खुद तैयार किया लंगर

टोल बेरियर पर धरने पर बैठी महिलाओं के लिए लंगर तैयार करने वाली महिलाओं में होड़ सी दिखाई दी। सुबह नौ बजे से महिलाओं का धरना स्थल पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। डायरेक्टर मनदीप का दावा है कि 20 गांवों से महिलाएं धरना स्थल पर पहुंची। महिलाओं का कहना है कि जब उनके परिवार के सदस्य किसानों के हित में इतना संघर्ष कर रहे हैं तो हम भी पीछे क्यों रहें। हमें भी अपने योगदान की आहुति डाली चाहिए।

इनसेट

सरकार को दिखाएंगे ताकत :

धरना स्थल पर तेजिद्र कौर ने कहा की सरकार में अभी महिलाओं की ताकत को नहीं देखा। 26 जनवरी को हरियाणा का पंजाब दोनों राज्य दिल्ली में इतिहास रचेंगे। सरकार को दिखा देंगे कि किसानों में कितनी ताकत है। कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी निर्मला चौहान भी भारी संख्या में महिलाओं के साथ धरना स्थल पर पहुंची। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के नाम पर सरकार जबरदस्ती कर रही है। जब किसान नहीं चाहते कि यह कानून लागू हो तो इनको लागू क्यों किया जा रहा है। किसान कड़ाके की ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं। उनकी सुध नहीं ली जा रही है। यह रवैया किसान विरोधी है।


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