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जहां विधायक के भाई को वाहन ने कुचला था, उसके एक किलोमीटर तक सुरक्षित नहीं सफर

संत निश्चल ¨सह पब्लिक स्कूल के नजदीक जिस सड़क पर वाहन ने यमुनानगर विधायक के बड़े भाई को दो दिन पहले कुचला था उसके एक किलोमीटर आगे-पीछे तक सफर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। स्कूल के सामने ही सड़क और बरम के बीच में डेढ़ फुट का अंतर है। यहां तक की सालों से खड़े सूखे पेड़ों को भी आज तक नहीं कटवाया गया। शायद ही रोड सेफ्टी की कोई मी¨टग रही हो, जिसमें यहां होने वाले हादसों पर ¨चता न जताई गई हो। मी¨टग में केवल ¨चता ही जताई गई काम किसी अधिकारी ने नहीं किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 11:14 PM (IST)
जहां विधायक के भाई को वाहन ने कुचला था, उसके एक किलोमीटर तक सुरक्षित नहीं सफर
जहां विधायक के भाई को वाहन ने कुचला था, उसके एक किलोमीटर तक सुरक्षित नहीं सफर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : संत निश्चल ¨सह पब्लिक स्कूल के नजदीक जिस सड़क पर वाहन ने यमुनानगर विधायक के बड़े भाई को दो दिन पहले कुचला था उसके एक किलोमीटर आगे-पीछे तक सफर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। स्कूल के सामने ही सड़क और बरम के बीच में डेढ़ फुट का अंतर है। यहां तक की सालों से खड़े सूखे पेड़ों को भी आज तक नहीं कटवाया गया। शायद ही रोड सेफ्टी की कोई मी¨टग रही हो, जिसमें यहां होने वाले हादसों पर ¨चता न जताई गई हो। मी¨टग में केवल ¨चता ही जताई गई काम किसी अधिकारी ने नहीं किया।

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पहले भी हो चुके हैं कई हादसे

संत निश्चल ¨सह स्कूल के सामने यह कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी यहां दर्जनों हादसे हो चुके हैं। इसलिए ट्रैफिक पुलिस ने इस एरिया को डेंजर प्वाइंट की श्रेणी में रखा हुआ है। पांच माह पहले ही अल सुबह तेज रफ्तार ट्रक ने राजकीय स्कूल की केयर टेकर को कुचल दिया था। ट्रक गुजरने से महिला की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी। इससे पहले प्राइवेट बस ने आटो को टक्कर मार दी थी, जिसमें बैठी तीन सवारियों को गंभीर चोट आई थी, जिनमें से दो दिन बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि यहां हुए हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या कहीं अधिक है।

सड़क किनारे खड़े कई सूखे पेड़

जब तक सूखे पेड़ों के कारण कोई बड़ा हादसा होगा नहीं तब तक वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी नींद से नहीं जागेंगे। कन्हैया साहिब चौक से लेकर ट्रैफिक पार्क तक दर्जनभर सूखे पड़े खड़े हैं। सफेदे के कई सूखे पेड़ तो इतने लंबे हैं कि आंधी, तूफान या बरसात होने पर गिर गए तो कई लोगों व वाहनों को अपने नीचे दबा लेंगे। रोड सेफ्टी की मी¨टग में कई बार इन सूखे पेड़ों को काटने की बात कही जा चुकी है फिर भी किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

खराब व टूटे पड़े हैं ¨ब्लकर

संत निश्चल ¨सह स्कूल से आगे जिला रोजगार कार्यालय के सामने ¨ब्लकर लगाए गए थे, लेकिन दोनों ही ¨ब्लकर खराब पड़े हैं। एक ¨ब्लकर तो टूट कर महीनों से ऐसे ही लटका हुआ है। इसकी हालत को देखकर साफ पता चलता है कि नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस ने कभी इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। भले ही हादसों में लोगों की जान जाती रहे। यहां से वाहन इतनी तेज गति से गुजरते हैं कि उनके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

बिखरी पड़ी मिट्टी व बजरी

यमुनानगर के विश्वकर्मा चौक से लेकर अंबाला तक पहले ये सड़क नेशनल हाईवे के पास थी, लेकिन कैल से कलानौर तक बाईपास बन जाने के कारण इस सड़क को पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दिया गया। सड़क से रात के समय रेत, बजरी से भरे ट्रक व डंपर चलते हैं। ट्रकों से रेत व बजरी गिरती रहती है। इसके अलावा मिट्टी भी सड़कों के दोनों तरफ बिखरी पड़ी है। कई जगह तो मिट्टी के ढेर सड़क से ऊंचे हो गए हैं। पीछे से आ रहे किसी वाहन से बचने के लिए जैसे ही कोई बाइक मिट्टी के ढेर पर चढ़ती है तो स्लिप हो जाती है। बाइक सवार जैसे ही सड़क पर गिरा वाहन कुचल देता है।

एक किलोमीटर बनाकर छोड़ दी सड़क

मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि कलानौर से कैल तक सड़क की मरम्मत कराई जाएगी। उनकी घोषणा पर काम तो हुआ लेकिन ठेकेदार ने कन्हैया साहिब चौक से पंचायत भवन तक ही सड़क बनाई। पंचायत भवन से जिला न्यायालय तक सड़क का आधा हिस्सा ही बनाया गया। कन्हैया चौक से महाराणा प्रताप चौक तक भी सड़क कई जगह से टूटी हुई है। यदि सड़क बन जाए और इस पर नियमित अंतराल पर ब्रेकर बना दिए जाएं तो हादसों को कम किया जा सकता है।


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