हम खुद की कमियां दूर करें : बलदेव
संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। उसकी शुरुआत शबद गायन से की गई। सत्संग की अध्यक्षता क्षेत्रीय संचालक बलदेव ¨सह और मंच संचालन विवेक गांधी ने किया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। उसकी शुरुआत शबद गायन से की गई। सत्संग की अध्यक्षता क्षेत्रीय संचालक बलदेव ¨सह और मंच संचालन विवेक गांधी ने किया।
बलदेव ¨सह ने कहा कि परमात्मा सर्वव्यापी है। इसको जाना जा सकता है। सतगुरु की कृपा से ही परमात्मा की जानकारी संभव है। परमात्मा को जानकर ही भक्ति की शुरुआत होती है। भक्ति में कोई कामना, मांग नही होती। हरि का भक्त तो हरि जैसा होना चाहिए, छोटी-छोटी बातों का असर नही होना चाहिए, ऐसा तब ही संभव होगा जब व्यक्ति अपनी होंद खत्म कर देगा। सतगुरु तक के अणडिठ करता, मथे पांदा वट नहीं' दूसरों की कमियां न देखें, बल्कि खुद की कमियां दूर करें। भक्ति का दूसरा नाम ही समर्पण है। राजी है हम उसी मैं, जिस में तेरी रजा है। यूं भी वाह-वाह है तो यूं भी वाह-वाह है। भक्त हर हाल में शुक्राने के भाव में रहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी परमात्मा ने दिया वो भी ले ले तो भी हम कुछ नही कर सकते, तो क्यू ना हम जो है उसके लिए परमात्मा को शुक्राना करें और समर्पित जीवन जीए। भक्ति तो परमात्मा के भाणे में रहना ही है। भक्ति में मांगने की जरूरत नही पड़ती उन्होंने कहा कि परमात्मा के बच्चे है तो परमात्मा वाले गुणों को भी अपनाना है, हम यदि प्रचार करना चाहते हैं, तो वे केवल बोलो से नहीं होगा, हमें ये गुण अपने जीवन में जीकर प्रचार करना है। सबर सिदक का चोला होवे, तेरा इक सहारा होवे, साधु रह कर दुनिया अंदर, वांग कमल दे न्यारा रहे। उन्होंने कहा कि अरदास करना हमारे बस में है पर ये परमात्मा पर निर्भर है ये पूरा करें या न करें। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।