राम कथा से मिलता सकारात्मक जीवन का सार: शशि
राम कथा सकारात्मक जीवन का सारा है। इससे मनुष्य को कर्तव्य का ज्ञान होता है। यह बात कथा वाचक शशि प्रभा ने कहीं। वह रविवार को मालीमाजरा गांव में प्रवचन कर रही थी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: राम कथा सकारात्मक जीवन का सारा है। इससे मनुष्य को कर्तव्य का ज्ञान होता है। यह बात कथा वाचक शशि प्रभा ने कहीं। वह रविवार को मालीमाजरा गांव में प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि राम कथा में भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन है। इसमें पुत्र का पिता के प्रति, पिता का पुत्र के प्रति, पत्नी का पति के प्रति, पति का पत्नी के प्रति, भाई का भाई के प्रति, राजा का प्रजा के प्रति, मालिक का सेवक के प्रति, सेवक का मालिक के प्रति कर्तव्य बताया गया है। वर्तमान समय में यदि सभी लोग रामकथा में दिए ज्ञान को जीवन में धारण कर लें। तो सभी झगड़े समाप्त हो जाए। राजा दशरथ ने पिता का कर्तव्य निभाते हुए श्रीराम के राजभिषेक की तैयारी की, श्रीराम ने उनके वचन का मान रखने के लिए 14 वर्ष का वनवास स्वीकार कर पुत्र का कर्तव्य निभाया। लक्ष्मण ने उनके साथ वनवास जाकर, भरत ने स्वयं राजगद्दी पर न बैठकर श्रीराम की चरण पादुकाएं रखकर भाई का कर्तव्य निभाया। सीता ने श्रीराम के साथ वनवास में जाकर पत्नी का कर्तव्य निभाया। सरपंच मेनपाल ने कहा कि गांव की समृद्धि, शांति की कामना और सद्भावना बढ़ाने के लिए कथा ग्रामवासियों के सहयोग कराई जा रही है। इस मौके पर मास्टर सुक्कड़ राम, रामकुमार, श्रीपाल, घसीटूराम, ज्ञान¨सह, धर्मवीर, राजेश, ईलमराम, प्रवीण नंबरदार, नरेंद्र और जय¨सह मौजूद रहे।