थर्मल पावर प्लांट में टरबाइनों को स्टीम देगा एसटीपी से निकला पानी
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होकर निकले पानी को दीन बंधु छोटू नगर की तरफ मोड़ा जाएगा।
संजीव कांबोज, यमुनानगर : सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होकर निकले पानी को दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में इस्तेमाल करने की योजना है। यह पानी बिजली उत्पादन के लिए स्टीम बनाने व अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि अब तक पश्चिमी यमुना नहर से इस पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन भविष्य में एसटीपी के पानी के सदुपयोग की योजना है। इस प्रोजेक्ट के लिए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से पाइप लाइन दबा दी गई है। आगे की प्रक्रिया थर्मल पावर प्लांट द्वारा पूरी की जाएगी। शुरुआती दौर में 24 एमएलडी पानी सप्लाई किए जाने की योजना है। भविष्य में पानी की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। बता दें कि दीन बंधु छोटू राम पावर प्लांट की 300-300 मेगावाट की दो इकइायां हैं। बिजली उत्पादन में प्लांट की टरबाइनों को चलाने के लिए स्टीम का उपयोग होता है। स्टीम बनाने के लिए पानी को गर्म किया जाता है। यह स्टीम ही टरबाइनों को गति देने का काम करती है। परवालो से औधरी गांव तक पाइप लाइन डाली जाएगी
नगर निगम के परवालो गांव में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने 24 एमलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया हुआ है। इस प्लांट में जगाधरी एरिया से सीवरेज पानी पहुंचता है। यह पानी ट्रीट होकर समीप से गुजर रही पश्चिमी यमुना नहर में गिर रहा है। लेकिन अब एनजीटी ने सख्ती बरतते हुए इस पानी को नहर में न डालने के आदेश जारी किए हैं। ऊपरी लेवल पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल पावर प्लांट करने की योजना बनी। इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने औधरी गांव तक पाइप लाइन भी बिछा दी है। इसकी लंबाई करीब 8-10 किलोमीटर है। इसके अलावा 10-10 एमलएलडी के दो प्लांट बाडी माजरा गांव में हैं। यहां से भी ट्रीट होकर पानी प्लांट में ही भेजा जाएगा। यमुना नहीं होगी प्रदूषित
नदियों के पानी को प्रदूषणमुक्त रखने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। यमुनानगर की बात की जाए दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगे हुए हैं। जम्मु कालोनी स्थित प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी है। दूसरा तीर्थनगर में है। इस प्लांट की क्षमता अब 20 एमएलडी हो गई है। तीसरा प्लांट जगाधरी के परवालों गांव में है। इसकी क्षमता 25 एमएलडी की है। हालांकि इन प्लांटों से ट्रीट होकर ही पानी नहर में गिर रहा है। लेकिन कई बार मशीनरी खराब होने की स्थिति में पानी बिना ट्रीट हुए ही नहर में गिरता है। कई बार पानी की सैंपल भी फेल आ चुके हैं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पावर प्लांट तक पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन दबा दी गई है। बाकी काम प्लांट की ओर से किया जाना है। फिलहाल 24 एमएलडी पानी पहुंचाया जाएगा।
पारीक गर्ग, एक्सइएन, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग। थर्मल पावर प्लांट में भाप बनाने के साथ-साथ अन्य कई कार्यों में पानी का इस्तेमाल होता है। प्लांट में एसटीपी से ट्रीट होकर निकले पानी के इस्तेमाल की योजना है।
राजेश वर्मा, चीफ इंजीनियर, थर्मल पावर प्लांट।