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एक साल से आठ नई एंबुलेंस का इंतजार, पत्र लिखने तक सिमटे प्रयास

प्रदेश सरकार से आठ नई एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को मिलनी थी, परंतु गत एक वर्ष से एक भी एंबुलेंस जिला को नहीं मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मुख्यालय को पत्र लिख-लिख कर थक चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:40 PM (IST)
एक साल से आठ नई एंबुलेंस का इंतजार, पत्र लिखने तक सिमटे प्रयास
एक साल से आठ नई एंबुलेंस का इंतजार, पत्र लिखने तक सिमटे प्रयास

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रदेश सरकार से आठ नई एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग को मिलनी थी, परंतु गत एक वर्ष से एक भी एंबुलेंस जिला को नहीं मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मुख्यालय को पत्र लिख-लिख कर थक चुके हैं। लिखे गए पत्रों का न तो कोई जवाब आता है और न ही एंबुलेंस मिल रही। एंबुलेंस की कमी का खामियाजा जिला के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर लोग अपने परिजनों को प्राइवेट वाहनों में ले जा रहे हैं या फिर निजी एंबुलेंस में।

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स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में सात से आठ एंबुलेंस देने की घोषणा की थी। विभाग के अधिकारियों की माने तो करीब 160 एंबुलेंस के टेंडर कर इनकी खरीद की गई थी। सभी जिलों को तो ये एंबुलेंस मिल गई हैं, परंतु यमुनानगर को अभी तक इससे वंचित रखा गया है। सिविल सर्जन आठ नई एंबुलेंस के लिए कई बार मुख्यालय में पत्र लिख चुके है, परंतु वहां से कोई जवाब नहीं आया।

घायलों को लेने समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस

बुधवार को जिला में दो सड़क हादसे हुए थे। जिनमें से एक बहादुरपुर गांव के पास हुआ जिसमें स्कूल वैन के चालक की मौत हो गई। जबकि दूसरा हादसा दादूपुर के नजदीक दो बाइकों का हुआ था। हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौत हो गई। दुर्घटना होने पर मौके पर खड़े लोगों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया था। परंतु काफी देर तक भी एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। हालांकि घायलों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। ऐसे में लोगों को मृतकों के शव कैंटर व अन्य वाहनों रखकर सिविल अस्पताल तक लाने पड़े।

खड़ी-खड़ी कबाड़ हो गई पुरानी एंबुलेंस

स्वास्थ्य विभाग की जो एंबुलेंस कंडम हो चुकी हैं उन्हें ट्रॉमा सेंटर की बिल्डिंग के पीछे खड़ा किया गया है। यहां पर आठ कंडम एंबुलेंस खड़ी हैं। ये सभी एंबुलेंस पांच साल से ऐसे ही कबाड़ में खड़ी हैं। परंतु स्वास्थ्य विभाग ने आज तक इन्हें नीलाम नहीं किया। इन्हें खड़ी करने के बाद अधिकारी भूल गए हैं। अधिकारी चाहें तो इन्हें नीलाम कर नई एंबुलेंस खरीद सकते हैं। यदि ये दो-चार साल ऐसी ही खड़ी रही तो इनमें नीलाम करने लायक भी कुछ नहीं बचेगा।

उम्मीद हैं जल्द मिल जाएंगी : डॉ. कुलदीप

सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ¨सह का कहना है स्वास्थ्य विभाग से जिला को आठ एंबुलेंस मिलनी हैं। इसके लिए मुख्यालय में पत्र भी लिख चुके हैं। बाकी जिलों में तो एंबुलेंस मिल चुकी हैं। यहां देरी क्यों हुई इसका पता नहीं चल पाया है। उम्मीद है इसी माह जिले को नई एंबुलेंस मिल जाएंगी। इनके आने से लोगों को काफी फायदा होगा।


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