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दिल्ली तक पहुंचेगी अवैध खनन के खिलाफ यमुना की धरती से उठी आवाज

यमुना नदी में अवैध खनन, ओवर लोड व खनन की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ यमुना की धरती से उठी आवाज अब दिल्ली तक जाएगी। इस बारे बुधवार को गुमथला की अनाजमंडी में महापंचायत का आयोजन हुआ। महिलाओं ने भी पहुंचकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। महापंचायत में 11 सदस्यीय किसान मजदूर विकास संघर्ष समिति का गठन किया गया। निर्णय लिया गया कि यह लड़ाई यमुनानगर गांवों की नहीं बल्कि दिल्ली तक यमुना के किनारे बसे गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को जगाने का काम किया जाएगा। हालांकि महापंचायत में रादौर विधान सभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी जताने वाले कांग्रेस नेता भी पहुंचे, लेकिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह किसान-मजदूरों का मंच है। सभी का स्वागत है। कोई भी राजनीतिक बात न करें।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)
दिल्ली तक पहुंचेगी अवैध खनन के खिलाफ यमुना की धरती से उठी आवाज
दिल्ली तक पहुंचेगी अवैध खनन के खिलाफ यमुना की धरती से उठी आवाज

जागरण टीम यमुनानगर : यमुना नदी में अवैध खनन, ओवर लोड व खनन की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ यमुना की धरती से उठी आवाज अब दिल्ली तक जाएगी। इस बारे बुधवार को गुमथला की अनाजमंडी में महापंचायत का आयोजन हुआ। महिलाओं ने भी पहुंचकर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। महापंचायत में 11 सदस्यीय किसान मजदूर विकास संघर्ष समिति का गठन किया गया। निर्णय लिया गया कि यह लड़ाई यमुनानगर गांवों की नहीं बल्कि दिल्ली तक यमुना के किनारे बसे गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को जगाने का काम किया जाएगा। हालांकि महापंचायत में रादौर विधान सभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी जताने वाले कांग्रेस नेता भी पहुंचे, लेकिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह किसान-मजदूरों का मंच है। सभी का स्वागत है। कोई भी राजनीतिक बात न करें।

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मुख्य वक्ताओं ने निकाली जमकर भड़ास

महापंचायत में 22 गांवों के ग्रामीण व मौजिज लोग पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस दौरान संबोधित करते हुए मुख्य वक्ताओं ने सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। मुख्य वक्ता शिव कुमार संधाला, एडवोकेट वरयाम ¨सह व रामकुमार संधाला ने कहा कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भला नहीं किया। सभी ने राजनीति रोटियां सेंकने का काम किया है। जितना अब पैसा अब तक बाढ़ से बचाव कार्यों पर सरकारें खर्च कर चुकी हैं, इतने पैसे में तो हथनीकुंड बैराज से लेकर दिल्ली तक पक्की पटरी का निर्माण हो जाता।

जब उप्र कर सकती तो हरियाणा सरकार क्यों नहीं

महापंचायत के दौरान यह भी आवाज उठी कि बाढ़ से बचाव के लिए उप्र सरकार ने पटरी का निर्माण करवा दिया, लेकिन हरियाणा सरकारें हर वर्ष बर्बादी का तमाशा देखती रही है। रही कसर खनन ठेकेदार पूरी कर रहे हैं। न नियमों का पालन किया जा रहा है और न ही क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की ओर ध्यान है। प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष नियम टूट रहे हैं। सबूत पेश किए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध ली जाती है। महापंचायत में राम कुमार कंबोज, शिव कुमार कांबोज, वरयाम ¨सह, अनिल कांबोज, अमरजीत ¨सह, भारतीय किसान यूनियन से बाबू राम गुंदयाना, संजू गुंदयाना, सरपंच कृष्ण मेहता, विनोद कुमार, सुभाष, मांगे राम कांबोज, रमेश कुमार, राजेश कुमार, भूपेंद्र राणा, अमी लाल, जितेंद्र, सरपंच सुशील सेतिया, सरपंच भूषण राणा मॉडल टाउन उपस्थित थे।

ये हैं ग्रामीणों की मांगें

1. यमुना नदी से रेत के अवैध कारोबार को बंद किया जाए। भूमि मालिक किसान व सरकार मिलकर ऐसी नीति बनाए जिससे किसान व सरकार दोनों को लाभ हो। किसान को उसकी भूमि से रेट उठाने का हक दिया जाए। एरिया के किसानों को रेत मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाए।

2. यमुना नदी से रेत निकालने के लिए कोई भी नया घाट न चालू किया जाए। क्योंकि नगली व गुमथला राव के तांडव को देखते हुए दूसरे गांवों के अस्तित्व को भी खतरा है। संधाला मौजा नगला रांगड़ान का रेत ठेका जनहित में खारिज किया जाए।

3. अवैध खनन के कारण गुमथला क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ जमीन का कटाव हो चुका है। बिजली की लाइनें, ट्यूबवेल व अन्य सामान तेज बहाव की भेंट चढ़ चुका है। पीड़ित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाए और कर्ज व बिजली के बिल माफ किए जाएं।

4. रेत के घाटों पर आवाजाही के लिए किसानों ने अपने खेतों से रास्ता दिया हुआ है, लेकिन खनन ठेकेदारों ने यहां बेरिकेड लगा दिए। ये बेरिकेट हटवाए जाएं। रास्तों का कामर्शियल इस्तेमाल न हो।

5. क्षेत्र की सड़कों से रेत से भरे ओवरलोड वाहन गुजर रहे हैं। इनसे सड़के टूट रही है। सरकार को भारी नुकसान हो रहा है और हादसे भी हो रहे हैं। ओवर लोड बंद करवाया जाए।

6. यमुना में अवैध खनन के कारण तटबंध टूट चुके हैं। आबादी के अस्तित्व को खतरा है। नगली घाट पर तटबंध यमुना के बीचोबीच आ चुके हैं। तटबंधों का निमा्रण मजबूती से किया जाए। इनके निर्माण हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगे। अब तक हो चुके कार्यों की जांच की जाए।

7. उप्र व हरियाणा को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर पुल बनाया जाना प्रस्तावित है, लेकिन सरकार इसमें देरी कर रही है। तुरंत प्रभाव के साथ नोटिफिकेशन जारी किया जाए। पुल के निर्माण का काम शुरू करवाया जाए।

8. गन्ने का भुगतान न होने के कारण किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। किसानों को उनके गन्ने का भुगतान जल्दी करवाया जाए।

9. खनन ठेकेदार यमुना नदी के अंदर रास्ते बनाकर यमुना के प्राकृतिक बहाव को बदला जा रहा है। इससे कटाव का खतरा और बढ़ जाता है। यह एनजीटी के नियमों की अवहेलना भी है। इसे रोका जाए। ऐसा करने वाले खनन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

10. नगली, गुमथला, जठलाना, मॉडल टाऊन, करेहड़ा व पौबारी रेत के घाटों पर खोदाई से पहले खनन विभाग ने लेवल नहीं दिया गया। ऐसे में इसकी पैमाइश कैसे होगी? कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।


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