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वीआइपी सड़क बनी गले की फांस, जांच कमेटी पर सवाल

सड़क निर्माण की जांच को गठित कमेटी पर सवाल उठाए गए हैं। जांच कमेटी नियम के अनुरूप नहीं बनाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:38 AM (IST)
वीआइपी सड़क बनी गले की फांस, जांच कमेटी पर सवाल
वीआइपी सड़क बनी गले की फांस, जांच कमेटी पर सवाल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर की वीआइपी सड़क अफसरों के गले की फांस बन गई है। मामले की जांच के लिए उच्चाधिकारियों ने कमेटी का गठन किया है, लेकिन शिकायतकर्ता ने कमेटी पर सवाल उठाए हैं। इनके मुताबिक जांच कमेटी नियम के अनुरूप नहीं बनाई गई। इसमें तीन अधिकारी न्यायिक रूप से जांच के लिए सक्षम नहीं है। आरोप है कि इस रोड को चौड़ा करने के लिए यूएलबी से 72 लाख रुपये की स्वीकृति हुई थी, लेकिन नगर निगम की तकनीकी शाखा ने ठेकेदार से मिलीभगत कर इसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपये कर दी है। इसके अतिरिक्त निर्माण के दौरान चार इंच मैटेरियल डाला जाना चाहिए था, जबकि 12 इंच डाला गया है।

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अब यह दी शिकायत

प्यारा चौक से लेकर नेहरू पार्क तक बनाई गई सड़क की जांच को लेकर बनाई गई कमेटी पर सवाल उठाते हुए ठेकेदार राजेंद्र पांचाल ने कमिश्नर धर्मवीर को शिकायत दी है। उनका कहना है कि जांच के लिए पांच अधिकारियों की जो कमेटी गठित की है, वह नियमानुसार ठीक नहीं है। इनमें से कुछ अधिकारी सिविल स्ट्रीम से हैं और कुछ डेपुटेशन पर नियुक्त हैं।

यह है मामला

वीआइपी रोड (प्यारा चौक से नेहरू पार्क तक) को चौड़ा किए जाने का मामला लंबे समय सुर्खियों में है। नगर निगम कांट्रेक्टर राजेंद्र कुमार पांचाल के मुताबिक इस मार्ग की साइडों में टाइलिग बिछाई गई हैं। जिस समय यह टेंडर मांगा गया था उस समय कार्य की लागत करीब 80 लाख बताई गई थी, लेकिन इस कार्य की तकनीकी स्वीकृति नहीं थी। टेंडर खुलने के बाद शाखा के कुछ अधिकारियों ने तकनीकी स्वीकृति लेने के लिए मुख्य अभियंता पंचकूला को फाइल भेजी। इसमें करीब 72 लाख रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई। उसके बाद तकनीकी शाखा ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके लागत 72 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दी गई। इसके अतिरिक्त निर्माण के दौरान चार इंच मैटीरियल डाला जाना चाहिए था, जबकि 12 इंच डाला गया है।

यह भी लग चुका आरोप

पांचाल का आरोप है कि शिकायतों का जवाब बनाते समय अधिकारियों गुमराह करने का प्रयास किया है। जिस सड़क पर भारी वाहन प्रतिबंधित है। कभी चलते हुए भी नहीं देखे जाते, उस सड़क से हर दिन 1339 व्यवसायिक वाहनों को चलता दिखाया गया है। इनमें ट्रक, बस व ट्रैक्टर-ट्राली शामिल है। इस मार्ग पर सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक व्यवसायिक वाहनों के आने की इजाजत नहीं है। यह सड़क मॉडल टाउन में आती है। इसलिए सड़क से व्यवसायिक वाहन गुजरता ही नहीं है।

सीएम एनाउंसमेंट के तहत हुआ काम

प्यारा चौक लेकर नेहरू पार्क तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाए जाने का काम सीएम अनाउंसमेंट के तहत किया गया है। यह मार्ग काफी संकरा था। मार्ग पर बैंक के साथ-साथ बड़े मॉल व अन्य वाणिज्यिक संस्थान हैं। दुकानदारों व शहरवासियों को राहत देने के लिए इसकी चौड़ाई बढ़ाने की योजना बनी। जिस दिन काम शुरू हुआ था, उसी दिन से सवाल उठने शुरू हो गए थे, लेकिन इस मामले की आज तक जांच पूरी नहीं हुई है।

अधिकारी कर रहे गुमराह

शिकायतकर्ता का कहना है कि प्यारा चौक से लेकर नेहरू पार्क तक सड़क को चौड़ा किए जाने का काम नियमों का ताक पर रखकर किया गया है। इस कार्य का रिवाइज एस्टीमेट नियमों के खिलाफ जाकर किया गया। इससे सरकार को 30 से 40 लाख रुपए का नुकसान होने की संभावना है। इस मामले में पूरी जांच संदेह के घेरे में है। कमेटी ने भी ठीक से जांच नहीं की। वर्जन

वीआइपी रोड को लेकर शिकायत मिली हैं। इसकी निष्पक्ष तौर पर जांच करवाई जाएगी। जांच में किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा।

धर्मवीर सिंह, कमिश्नर, नगर निगम।


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