यूनेस्को व सीबीएसई मिलकर करेंगे विद्यार्थियों को जागरूक
स्कूलों में बच्चों के साथ हिसा धमकाने और साइबर क्राइम की बढ़ती घटन
संवाद सहयोगी, जगाधरी: स्कूलों में बच्चों के साथ हिसा, धमकाने और साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सीबीएसई ने यूनेस्को से हाथ मिलाया है। दोनों संस्थाएं मिलकर विद्यार्थियों को जागरूक तो करेंगी ही, साथ ही हिसा व साइबर क्राइम की वजह से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी उन्हें बताएंगी।
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में स्कूलों में हिसा के गंभीर परिणाम देखने को मिले हैं। यही वजह है कि कई बार विद्यार्थी जहां स्कूल जाने से परहेज करना शुरू कर देते हैं, वहीं वे उदासीन और अवसाद से भी घिर जाते हैं। जिसका सीधा प्रभाव उनकी पढ़ाई पर तो होता ही है, साथ उनके मानसिक व बौद्धिक विकास पर भी इसका गहरा असर देखने को मिलता है। अगर समय रहते ऐसे विद्यार्थियों की ओर ध्यान न दिया जाए, तो भविष्य में गंभीर सामने आते हैं। बदमाशी का मुद्दा स्कूलों में हिसा का सबसे प्रचलित रूप
सीबीएसई अधिकारियों का मानना है कि बदमाशी का मुद्दा स्कूलों में हिसा का सबसे प्रचलित रूप है। अक्सर सीनियर द्वारा जूनियर पर रोब झाड़ते देखा जा सकता है। जो विद्यार्थियों की शिक्षा पर सीधा प्रभाव डालता है। यही वजह है कि इसके परिणामों पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक उपरोक्त मुद्दों के लिहाज से आज वैश्विक स्तर पर काम करने की जरूरत है। स्कूलों में बच्चों के साथ हिसा न हो, इसलिए यूनेस्को के विशेषज्ञ व शैक्षिक समुदाय के लोग मिलकर काम करेंगे। यूनेस्को के साथ मिलकर तैयार किया मसौदा
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक यूनेस्को के साथ हिसा और धमकी के खिलाफ वेबसाइट पर सामग्री डाली गई है। सभी स्कूलों को टास्क दिए गए हैं। जो इस वेबसाइट से संसाधनों का चयन कर छात्रों और शिक्षकों के लिए सत्र आयोजित करेंगे। इसके बाद उन्हें वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करनी हैं। वहीं स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल थापर कालोनी की प्रिसिपल रेनू मलिक का कहना है कि सीबीएसई की पहल सराहनीय है। इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।