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एक हेंड राइटिग में कार्रवाई करने पर फंसी पुलिस, एनडीपीएस के दो आरोपित बरी

चूरापोस्त तस्करी में काबू दो आरोपितों पर पुलिस ने अलग-अलग समय में केस तो दर्ज कर लिया। लेकिन गिरफ्तारी से पूर्व की गई कार्रवाई की लिखाई एक ही पुलिस अधिकारी की मिली।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 08:40 AM (IST)
एक हेंड राइटिग में कार्रवाई करने पर फंसी पुलिस, एनडीपीएस के दो आरोपित बरी
एक हेंड राइटिग में कार्रवाई करने पर फंसी पुलिस, एनडीपीएस के दो आरोपित बरी

शैलजा त्यागी, जगाधरी

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चूरापोस्त तस्करी में काबू दो आरोपितों पर पुलिस ने अलग-अलग समय में केस तो दर्ज कर लिया। लेकिन गिरफ्तारी से पूर्व की गई कार्रवाई की लिखाई एक ही पुलिस अधिकारी की मिली। इतना ही नहीं गिरफ्तारी के दिन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के मोबाइल की लोकेशन भी उस जगह की नहीं मिली, जहां से पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार दिखाया। केस की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट में जो दलील दी, वहीं कहीं टिक नहीं पाई।

मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डॉ. अब्दुल माजिद की कोर्ट ने दोनों आरोपितों को बरी कर दिया। बचाव पक्ष के वकील सतिद्रपाल ढांडा के मुताबिक पुलिस ने आरोपितों पर मनघडंत केस दर्ज किया था, जो कि कोर्ट में टिक नहीं पाया।

यह रही पुलिस की कमियां

एडवोकेट सतिद्रपाल ढांडा ने बताया कि पुलिस ने प्रताप नगर पुलिस ने चार मई 2016 को सीआइए के एएसआइ रामकुमार तथा पांच मई 2016 को महरूफ अली की शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट के दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे। लेकिन केस दर्ज करने से पूर्व आरोपितों को सेक्शन 50 के तहत जो नोटिस दिया गया, तलाशी के लिए दिया गया सहमति पत्र व अन्य कार्रवाई एक ही पुलिस अधिकारी की हैंड राइटिग में मिली। जबकि वह पुलिस अधिकारी न तो केस में जांच अधिकारी हैं और न ही मौके पर मौजूद था। पुलिस ने मामले में कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं बनाया। पुलिस अधिकारी ने तर्क दिया कि उन्होंने आरोपितों की तलाशी से पूर्व डीएसपी को कॉल की थी, लेकिन कॉल डिटेल में यह साबित नहीं हो पाया। जहां से आरोपितों को काबू किया, पुलिस के मोबाइल फोन की लोकेशन भी उस एरिया में नहीं मिली। इसके अलावा पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने भी सैंपल नहीं लिए।

पहला मामला

सीआइए यमुनानगर में तैनात एएसआइ रामकुमार ने मुखबरी के आधार पर चार मई 2016 को गांव फैजपुर निवासी मोहम्मद नवाब को 40 किलो 200 ग्राम चूरा डोडा पोस्त के साथ हथनी कुंड बैराज के पास से काबू किया था। पुलिस ने उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। साथ ही 100-100 ग्राम के सैंपल तैयार कर विभाग की लैब में जांच के लिए भेज दिए। पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक मोहम्मद नवाब खिजराबाद स्थित ढाबों व सड़क किनारे खड़े होने वाले ट्रक ड्राइवरों को नशीला पदार्थ सप्लाई करता था।

दूसरा मामला

सीआइए यमुनानगर में तैनात एएसआइ महरूफ अली ने मुखबरी के आधार पर पांच मई 2016 को गांव फैजपुर निवासी मोहम्मद हासिम को ताजेवाला हेड पर 20 किलो 200 ग्राम चूरा पोस्त के साथ काबू किया था। पुलिस ने सैंपल तैयार कर विभाग की लैब में जांच के लिए भेज दिए। वहीं हासिम के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक हासिम अपने गांव में नशीला पदार्थ बेचने का काम करता था।


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