बराबर में दुकान खोलने पर पड़ोसी से चल रहे विवाद से परेशान होकर महिला ट्रेन के आगे कूदी, चार पर केस
बराबर के दुकान खोलने पर पड़ोसियों से चल रहे विवाद से परेशान होकर रणजीत कॉलोनी की 45 वर्षीय पूनम ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। परिवार के लोग उसकी तलाश में पहुंचे तो सुबह करीब पांच बजे उसका शव गांधी नगर फाटक के पास मिला।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
बराबर के दुकान खोलने पर पड़ोसियों से चल रहे विवाद से परेशान होकर रणजीत कॉलोनी की 45 वर्षीय पूनम ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। परिवार के लोग उसकी तलाश में पहुंचे, तो सुबह करीब पांच बजे उसका शव गांधी नगर फाटक के पास मिला। जीआरपी ने शव को कब्जे में लिया। दोनों पक्षों के बीच करीब तीन साल से विवाद चल रहा था, जबसे पूनम ने लकड़ी की दुकान शुरू की थी। कई बार समझौते को लेकर पंचायत भी हुई, लेकिन बात नहीं बनी। अब उनके बीच केस चल रहा था। जीआरपी इंचार्ज सुरेश कुमार ने बताया कि मृतका के पति जगमाल सिंह की शिकायत पर पड़ोसी रकम सिंह, पत्नी बबली व उनके दो पुत्रों पर आत्महत्या के लिए उकसाने व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया है।
रणजीत कॉलोनी में जगमाल सिंह की मकान के साथ ही नाई की दुकान है। जबकि एक अन्य दुकान लकड़ी की है। इसकी देखरेख उसकी पत्नी पूनम करती है। बताया जा रहा है कि पड़ोसी रकम सिंह की भी लकड़ी की दुकान है। इसकी को लेकर ही दोनों पक्षों के बीच विवाद रहता है। करीब तीन साल से दोनों पक्षों के बीच दुकानदारी को लेकर ही गाली गलौज चल रही हैं। जगमाल सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह में वह अपने दूसरे प्लाट में लकड़ी डालने के लिए गया था। इस दौरान आरोपित रकम सिंह व उसकी पत्नी बबली ने उसके साथ गाली गलौज शुरू कर दी। बीच बचाव में पत्नी पूनम आई, तो बबली ने उस पर डंडे से वार कर दिया। जवाब में पूनम ने भी उसे मारा। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली थी। दूसरे पक्ष से रकम सिंह ने भी शिकायत दी। पुलिस ने दोनों पक्षों का शांतिभंग की धाराओं में चालान कर दिया था।
कोर्ट से कराया था रकम ने केस दर्ज :
इस मामले में रकम सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें उसने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। कोर्ट के आदेश पर जगमाल व उसके बेटे 12वीं के छात्र अजय के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसमें दोनों पक्षों की ओर से कॉलोनी के लोगों ने समझौते की कोशिश की, लेकिन रकम सिंह समझौता न करने पर अड़ा रहा। जगमाल का आरोप है कि उन्हें धमकी दी जा रही थी कि जब तक इनका प्लाट न बिकवा दूं, तब तक कोई समझौता नहीं होगा। सोमवार को भी उनसे बात की गई, लेकिन वह नहीं माना। इससे ही उनकी पत्नी आहत थी। जगमाल का कहना है कि दोपहर को वह घर गए थे। उस समय पत्नी परेशान थी। उससे बात की, तो उसने कोई भी बात करने से इंकार कर दिया। रात को वह भी खाना खाकर सो गया था। सुबह करीब चार बजे आंख खुली, तो पत्नी बिस्तर पर नहीं मिली। इसके बाद उसे तलाशने गए।