आयुष्मान में लाभ लेना है तो पहले निजी अस्पतालों में पता कर लें पैकेज
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना में इलाज को लेकर पात्रों में कंफ्यूजन पैदा हो रहा है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें आयुष्मान के पैनल पर आए निजी अस्पताल में मरीज इलाज कराने पहुंचा। इलाज के बाद उसे लंबा चौड़ा बिल थमा दिया गया। उसने खुद को आयुष्मान का लाभार्थी बताया, तो पता चला कि जो इलाज मरीज ने कराया है।
अवनीश कुमार , यमुनानगर
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना में इलाज को लेकर पात्रों में कंफ्यूजन पैदा हो रहा है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें आयुष्मान के पैनल पर आए निजी अस्पताल में मरीज इलाज कराने पहुंचा। इलाज के बाद उसे लंबा चौड़ा बिल थमा दिया गया। उसने खुद को आयुष्मान का लाभार्थी बताया, तो पता चला कि जो इलाज मरीज ने कराया है। उस इलाज के लिए अस्पताल पैनल पर नहीं है। इस बारे में अधिकारियों से भी बात की, लेकिन उन्होंने भी नियमों का हवाला दे दिया।
15 अगस्त को प्रोजेक्ट के तौर पर आयुष्मान योजना शुरू की गई थी। बाद में 23 सितंबर को आधिकारिक रूप से योजना का संचालन कर दिया गया। जिले में अब तक 18 हजार 575 लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। इसके तहत करीब 200 मरीज इलाज भी ले चुके हैं, लेकिन अभी भी योजना को लेकर लोगों को पूरी जानकारी नहीं है।
अलग-अलग पैकेज है अस्पतालों के लिए
दरअसल, आयुष्मान में अस्पतालों के लिए अलग-अलग पैकेज हैं। कुल 1350 पैकेज इलाज के तहत हैं, लेकिन इनमें से 274 गवर्नमेंट रिजर्व हैं। इसका मतलब यह है कि गवर्नमेंट रिजर्व पैकेज के लिए मरीज को सरकारी अस्पताल में एडमिट होना होगा। यहां से यदि सरकारी अस्पताल निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए रैफर करें, तभी मरीज को लाभ मिलेगा। यदि मरीज सीधा आयुष्मान के पैनल पर आए निजी नर्सिंग होम में जाता है, तो उसे पैकेज का पता करना होगा। यदि वह तुरंत एडमिट हो जाता है, तो उसे इलाज के दौरान पैसा चुकाना पड़ सकता है।
घर बैठे भी पता लगा सकते हैं पात्रता का
हेल्प डेस्क के अलावा घर बैठे ही आयुष्मान भारत योजना में पात्रता का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए मेरा डॉट पीएमजेएवाइ डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन करना होगा। यहां पर मोबाइल नंबर डालकर अकाउंट बनाना होगा। इसमें राशन कार्ड का नंबर डालकर पात्रता का पता लगाया जा सकता है।
ये निजी अस्पताल पैनल पर
आयुष्मान भारत योजना में सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पताल भी पैनल पर हैं। जिले में गोयल हॉस्पिटल, गर्ग ईएनटी हॉस्पिटल, कपिल हॉस्पिटल, स्वामी विवेकानंद मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, महेंद्रा हॉस्पिटल, गाबा अस्पताल, आइक्यू विजन अस्पताल, अग्रवाल अस्पताल, गोयल आई केयर सेंटर, विशाल अस्पताल व गुलाटी अस्पताल भी पैनल पर हैं। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र मरीज एडमिट होता है, तो ही उसे लाभ मिलेगा। आयुष्मान की गाइडलाइन में यह भी है कि मरीज को छुट्टी के समय 300 रुपये या फिर एंबुलेंस की सुविधा देनी होगी और कुछ जेनेरिक दवाएं भी देनी होगी। इस तरह की दिक्कत भी आई है कि प्राइवेट अस्पताल में मरीज को इलाज नहीं मिला। इसके लिए जरूरी है कि मरीज अपना कार्ड दिखाए और उस पर इलाज कराएं, क्योंकि प्राइवेट अस्पताल अलग-अलग बीमारी के लिए हैं। उसी हिसाब से पैनल पर लगाए गए हैं।
कोट्स :
आयुष्मान के तहत यदि कोई मरीज निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाता है, तो वहां पर कार्ड दिखाकर संबंधित बीमारी के बारे में पता करें। निजी अस्पतालों को भी इस बारे में कहा गया है कि वह इलाज कराने आए मरीज को पूरी जानकारी दें। इस संबंध में उन्हें पत्र भी भेजा गया है। मरीज भी अपने स्तर पर पहले इलाज के बारे में पता कर लें, ताकि बाद में उन्हें कोई दिक्कत न आए।
-डॉ. विजय दहिया, नोडल अधिकारी, आयुष्मान योजना।