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कचरा कलेक्शन के लिए कागजों में दौड़ रहे टिप्पर, वार्डो में नहीं, जीपीएस से भी लाभ नहीं

नगर निगम एरिया में कचरा कलेक्शन के लिए लगे टिप्पर कागजों में दौड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 08:40 AM (IST)
कचरा कलेक्शन के लिए कागजों में दौड़ रहे टिप्पर, वार्डो में नहीं, जीपीएस से भी लाभ नहीं
कचरा कलेक्शन के लिए कागजों में दौड़ रहे टिप्पर, वार्डो में नहीं, जीपीएस से भी लाभ नहीं

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम एरिया में कचरा कलेक्शन के लिए लगे टिप्पर कागजों में दौड़ रहे हैं। न संख्या पर्याप्त है और न ही निगरानी के लिए इन पर लगे जीपीएस काम कर रहे हैं। नगर निगम के 22 वार्डो में 60 टिप्पर हैं। आबादी के लिहाज से इनकी संख्या पहले ही कम है। 8-10 टिप्पर खराब भी रहते है। उन पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस जरूर लगे हैं, लेकिन अधिकांश में ये खराब है। नतीजन मनमर्जी से कचरा उठ रहा है। टिप्परों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग कई बार उठ चुकी है।

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नहीं उठ रहा कचरा

ट्विन सिटी में सफाई की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। शहर के पॉश एरिया मॉडल टाउन में भी कचरे का नियमित रूप से उठान नहीं हो रहा है। जगह-जगह ढेर लगे पड़े हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान जिन कचरा प्वाइंट्स को निगम ने बंद किया था, वह दोबारा शुरू हो गए हैं। छोटी लाइन, प्यारा चौक के पास, सरकारी अस्पताल व बस स्टैंड के पास अकसर कचरे के ढेर लगे रहते हैं।

रोज निकलता 250-300 टन कचरा

यमुनानगर-जगाधरी से रोज 250 टन कचरा निकल रहा है। चार वर्ष से कचरा निस्तारण प्लांट बंद होने के कारण सड़क किनारे कचरा डाला जा रहा है। कैल गांव में कचरे के पहाड़ बन चुके हैं। शहर से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए सरकार ने वर्ष-2012 में 18.74 करोड़ रुपये से यह प्लांट लगाया था। यह इन दिनों बंद पड़ा हुआ है।

इन वार्डो में कंपनी को टेंडर

वार्ड 13, 14 और 15 में सफाई के लिए कंपनी को टेंडर दिया हुआ है, हालांकि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए छोटे वाहन लगे हुए हैं, लेकिन नियमित रूप से कचरा नहीं उठ रहा है। कंपनी प्रति घर और दुकान से कचरा उठाने की एवज में चार्जेज लेती है। अन्य 17 वार्डो में नगर निगम के कर्मचारी सफाई कर रहे हैं। ट्रैक्टर ट्रालियों से कचरा उठाया जाता है।

माह में 10 दिन उठता कचरा

वार्ड 20 की आबादी की 25 हजार है। कागजों में यहां तीन टिप्पर चल रहे हैं, लेकिन एक या दो ही आते हैं। वह भी माह में केवल 10 दिन ही कचरा उठाने आते हैं। यदि पूछा जाए तो खराब रहते हैं। कचरा नियमित रूप से नहीं उठ रहा है। वार्डवासी परेशान हैं। टिप्पर हटवाकर रेहड़ियों की व्यवस्था की जाए। पैसा भी कम खर्च होगा और कचरा भी नियमित रूप से उठेगा। इस पर अफसरों को संज्ञान लेना चाहिए।

रेखा राणा, पार्षद। इनसेट

30 हजार की आबादी पर दो टिप्पर

वार्ड तीन की आबादी 30 हजार है। दो-तीन टिप्पर ही कचरा उठाने के लिए आते हैं। वार्ड में छह गांव भी शामिल हैं। दो गांव पर कम से एक टिप्पर तो होना चाहिए। वार्ड में आबादी के लिहाज से आठ चाहिए। हाउस की बैठक में मुद्दा रखा है। दो भी अकसर खराब ही रहते हैं। गत 20 दिन से एक टिप्पर चल रहा था। सफाई व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। इस बारे में अफसरों को संज्ञान लेना चाहिए।

हरमीन कौर, पार्षद इनसेट

सफाई तक की व्यवस्था नहीं कर पाए

वार्ड 19 की आबादी 25 हजार है। 11 गांव शामिल हैं। कचरा उठाने के लिए केवल तीन टिप्पर हैं। एक हमेशा ही खराब रहता है। रेलवे लाइन से भोले के माजरे तक कचरा नहीं उठता। यहां ढेर लगे रहते हैं। व्यवस्था पूरी गड़गड़ाई हुई है। वार्ड में कम से कम छह टिप्पर तो होने चाहिए। एक साल में सफाई तक की सुविधा हम वार्ड में नहीं दे पाए हैं।

उषा रानी, पार्षद। इनसेट

सफाई शाखा के कर्मचारियों की बैठक लेकर नियमित रूप से कचरा कलेक्शन के आदेश दिए जा चुके हैं। जिन गाड़ियों पर जीपीएस खराब हैं, उनको जल्दी ठीक करवा जाएगा। वाहनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

मदन चौहान, मेयर, नगर निगम। सीवर लाइन जाम का कारण बनता 80 प्रतिशत कचरा

यमुनानगर-जगाधरी शहर की आबादी : 6 लाख

हर दिन निकलता कुल कचरा : 300 टन

प्रति व्यक्ति : 250 ग्राम प्रतिदिन

जैविक कचरा : 170 टन

प्लास्टिक कचरा : 10 क्विटल

इलेक्ट्रोनिक कचरा : दो टन

ग्रेडेबल कचरा : 20 टन

बायोमेडिकल वेस्ट : 4 क्विटल प्रतिदिन

सफाई पर हर माह खर्च : 60 लाख रुपये

नगर निगम एरिया में सफाई कर्मचारियों की संख्या : 760

जरूरत है : 1297

400 लोगों पर चाहिए एक सफाई कर्मचारी, उपलब्ध है 1500 पर एक कर्मचारी।


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