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बिना किसी सेफ्टी उपकरण के लीकेज ठीक कर रहे थे कर्मचारी

विमल एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड में जिस समय सिलेंडर में आग लगी तो हड़कंप मच गया। एकदम से आग की लपटें उठी और कर्मचारियों को चपेट में ले लिया। मौके पर कोई भी सेफ्टी उपकरण नहीं था। झुलसे कर्मचारी ने बताया कि सिलेंडर रिपेयर नहीं थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 10:10 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:32 AM (IST)
बिना किसी सेफ्टी उपकरण के लीकेज ठीक कर रहे थे कर्मचारी
बिना किसी सेफ्टी उपकरण के लीकेज ठीक कर रहे थे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विमल एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड में जिस समय सिलेंडर में आग लगी, तो हड़कंप मच गया। एकदम से आग की लपटें उठी और कर्मचारियों को चपेट में ले लिया। मौके पर कोई भी सेफ्टी उपकरण नहीं था। झुलसे कर्मचारी ने बताया कि सिलेंडर रिपेयर नहीं थे। उनकी देखरेख के लिए भी अलग से कोई टेक्निकल स्टाफ नहीं रखा हुआ था। जिस वजह से ही यह हादसा हुआ है। सभी कर्मचारियों के चेहरे से लेकर शरीर तक झुलस गया है। पहले कर्मियों को चड्ढा अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां गंभीर हालत देखते हुए कमल, हर्षित व मोहन को पीजीआइ रेफर कर दिया गया। पारस अस्पताल में भी कर्मियों को लेकर गए। यहां से संदीप, सुमेर, सोमपाल, एसएस पुंडीर को रेफर किया गया। यह सभी 60 से 80 प्रतिशत तक झुलसे हुए हैं। फिलहाल विनय मिश्रा, सचिन व अनिल का पारस अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रताप सिंह को गाबा अस्पताल से रेफर किया गया है। विकास दस प्रतिशत झुलसा हुआ था। उसे प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। एकदम से आग की लपटें उठी, कुछ समझ में नहीं आया

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पारस अस्पताल में भर्ती सचिन ने बताया कि सिलेंडर खत्म होने पर दूसरा लगाया था। जब उसे फिट किया गया, तो उसमें से लीकेज होने लगी। वह विनय, अनिल और दो तीन अन्य कर्मचारी लीकेज ठीक कर रहे थे। वहीं पर जीएम एसएस पुंडीर भी खड़े थे। अचानक से सिलेंडर से फ्लेम (लो) निकली। एकदम से सभी को चपेट में ले लिया। कपड़ों में भी आग लग गई। इसके बाद कुछ पता नहीं। विनय ने बताया कि भट्टी पर भी कुछ कर्मचारी कार्य कर रहे थे। लीकेज होने से गैस पूरे गोदाम में फैली हुई थी। एकदम से जब आग भड़की, तो भट्टी तक पहुंच गई। वह कर्मी भी झुलस गए। भट्टी भी सिलेंडरों के पास ही थी।

फैक्ट्री में एलपीजी गैस के सिलेंडर में लीकेज की वजह से आग लगी है। सिलेंडर में कोई ब्लास्ट नहीं हुआ। यह आग बेहद ज्वलनशील होती है। मोबाइल की रोशनी या फिर किसी भी तरह की हल्की से स्पॉर्किंग होते ही तुरंत आग लग जाती है। इस केस में भी ऐसा ही हुआ है। जब मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, तो वहां पर कोई नहीं था। एक सिलेंडर में आग लगी। उस पर काबू कर लिया गया।

-प्रमोद दुग्गल, फायर ब्रिगेड ऑफिसर फैक्ट्री में आग लगने के दौरान 13 लोग झुलसे हैं। जिनमें से नौ कर्मचारियों को रेफर किया गया है। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी जांच कर रहे है। जो कर्मचारी झुलसे है, उनके बयान पुलिस लिए गए हैं। विकास नाम के कर्मचारी की ओर से फैक्ट्री के मालिकों रजनीश खरबंदा व अन्य के खिलाफ 337, 338 व 3,5 ज्वलनशील पदार्थ रखने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें मालिकों की लापरवाही है।

कमलजीत सिंह, थाना शहर प्रभारी घायलों का आर्थिक मदद दी जाएगी

डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि फैक्ट्री में गैस का रिसाव होने की वजह से हादसा हुआ। इस फैक्ट्री में एल्युमिनियम गलाने का कार्य किया जाता है। जहां पर आग लगी वहां पर भी स्क्रैप पड़ा हुआ था। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। एसपी कुलदीप सिंह के साथ घायलों का हाल चाल जाना। जो भी मजदूर इस हादसे में घायल हुए हैं। उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कुशल कारीगर कार्य कर रहे थे

फैक्ट्री मालिक राजेश खरबंदा का कहना है कि जिन लोगों को सिलेंडर लगाने की ट्रेनिग दी गई है। वहीं कार्य कर रहे थे। मौके पर सभी सेफ्टी उपकरण थे। दो साल से फैक्ट्री में सिलेंडर लगे हुए हैं। यह सिलेंडर सैट करते समय कोई रबर लीक हुई। जिससे गैस का रिसाव हो गया। तुरंत पानी का फव्वारा चलाकर आग को भी कंट्रोल करने की कोशिश की गई। यह हादसा है। इसमें उनकी कोई लापरवाही नहीं है। कर्मचारियों को इलाज दिलाया जा रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर है।


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