टैक्सी चालक समेत तीन से विदेश भेजने के नाम पर 13 लाख ठगे
विदेश भेजने का झांसा देकर तीन युवकों से करीब 13 लाख रुपये ठग लिए गए। उनके मोबाइल और दस्तावेज भी आरोपितों ने ले लिए। उन्हें दिल्ली के होटल में छोड़कर आरोपित फरार हो गए। किसी तरह से तीनों युवक घर पहुंचे और मामले की पुलिस को शिकायत दी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विदेश भेजने का झांसा देकर तीन युवकों से करीब 13 लाख रुपये ठग लिए गए। उनके मोबाइल और दस्तावेज भी आरोपितों ने ले लिए। उन्हें दिल्ली के होटल में छोड़कर आरोपित फरार हो गए। किसी तरह से तीनों युवक घर पहुंचे और मामले की पुलिस को शिकायत दी। आरोप है कि ठगी का एक आरोपित जोगिद्र सिंह ने खुद को रोडवेज जीएम बताया था। पुलिस ने केस दर्जकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
जगाधरी की पुलिस लाइन निवासी कुलदीप सिंह टैक्सी चलाता है। चार साल पहले उसकी मुलाकात जोगिद्र से हुई थी। वह अकसर यहां पर आता जाता रहता था। जोगिद्र सिंह ने खुद को रोडवेज का जीएम बताते हुए परिचय दिया था। उसने एक कार्ड भी उसे दिया था। कई बार यहां पर आने और जाने की वजह से उनके बीच अच्छी जान पहचान हो गई। यहां तक कि अंबाला तक उसकी टैक्सी बुक करने के लिए उसे चार हजार रुपये तक दिए जाते थे। उससे कुलदीप उसके प्रभाव में आया। जोगिद्र ने उसे विदेश भेजने का झांसा दिया। पहले तो उसने मना कर दिया। अब कुछ दिन पहले फिर उसकी जोगिद्र से मुलाकात हुई। उसके साथ एक अन्य व्यक्ति हरजीत भी था। दोनों ने उसे कहा कि वे कनाडा भेज देंगे। कोई दोस्त हो, तो उसे भी साथ ले लो। वह उनकी बातों में आ गया।
प्रत्येक से आठ लाख रुपये में हुआ सौदा
कुलदीप ने बताया कि जोगिद्र और हरजीत ने उसे एक व्यक्ति के आठ लाख रुपये का खर्च आने की बात कही। जिस पर उसने अपने दोस्त इमरान और रवि को भी तैयार कर लिया। पहले उन्होंने एडवांस में तीनों से 60-60 हजार रुपये ले लिए। उन्होंने 1 अक्टूबर को उन्हें दिल्ली के पहाड़गंज में बुलाया। यहां पर वीजा फार्म पर उनके साइन कराए गए। इसके बाद कहने लगे कि कनाडा एंबेसी से कॉल आएगी, उसे तुम नहीं समझ सकोगे। जोगिद्र सिंह ने तीनों के फोन ले लिए। आरोपितों ने उन्हें टिकट भी दिखाया और शाम तक फोन देने की बात कही, लेकिन उनके फोन वापस नहीं किए और 29 अक्टूबर को फ्लाइट होने की बात कह दी।
फिर 50-50 हजार रुपए लिए, तो शक हुआ
कुलदीप और उसके दोस्तों को आरोपितों ने दिल्ली में ही एक होटल में कमरा दिलवा दिया। यहां से उन्हें आगरा चलने के लिए कहने लगे। इससे पहले उनसे 50-50 हजार रुपये ले लिए। फोन वापस मांगे, तो आरोपितों ने फोन नहीं दिए। जिस पर कुलदीप को शक हो गया। उसने उनके साथ जाने से इन्कार कर दिया और दोस्तों के साथ वापस होटल में आ गया। नया सिम और मोबाइल खरीदकर उन्होंने हरजीत के पास अपने मोबाइल पर कॉल की, तो वह इधर उधर की बात करने लगे। जिस पर उन्होंने होटल छोड़ दिया और इस बारे में हरजीत को बता दिया। होटल का खर्च देने के लिए जब कुलदीप पैसा निकालने गया, तो उसका पिन गलत मिला। पासबुक लेकर उसने एंट्री की, तो पता लगा कि उसके खाते से करीब पांच लाख रुपये किसी जेपी फ्लोर मिल के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। इसके बाद वह वापस जगाधरी आ गए। यहां इमरान और रवि ने भी अपने खाते में एंट्री कराई, तो उनके खातों से भी रकम गायब मिली। इस तरह उन्होंने उनसे 13 लाख रुपये ठग लिए। अब आरोपितों के मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं।