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आठ वार्डो में पांच हजार एलइडी लाइटें लगाने का काम लटका, प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन नहीं कर पाई टीम

लॉकडाउन के कारण प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन न होने से आठ वार्डों के पांच हजार एलईडी लाइटें बची है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 07:21 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 07:21 AM (IST)
आठ वार्डो में पांच हजार एलइडी लाइटें लगाने का काम लटका, प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन नहीं कर पाई टीम
आठ वार्डो में पांच हजार एलइडी लाइटें लगाने का काम लटका, प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन नहीं कर पाई टीम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लॉकडाउन के कारण प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन न होने से आठ वार्डों में पांच हजार एलइडी लाइटें लगाने का काम एक बार फिर लटक गया। एजेंसी द्वारा लाइटें परचेज करने से पहले नगर निगम के अधिकारियों की टीम कंपनी में प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन करेगी। गुणवत्ता को लेकर पूर्व में उलझे विवादों से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आठ वार्डों में कुल 8100 लाइटें लगाई जानी हैं। इनमें से तीन हजार लाइटें लग चुकी हैं। बाकी में छह माह से प्रक्रिया रुकी हुई है। फरवरी माह में पिटीशन कमेटी की ओर से गठित कमेटी की टीम ने कंपनी व नगर निगम के अधिकारियों की बैठक लेकर जल्द लाइटें लगाने के आदेश दिए थे। कमेटी के निर्णय के मुताबिक स्ट्रीट लाइटें गुणवत्ता में सुधार के लिए प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन की जाएगी। लैब में जांच होने पर ही डिलीवरी हो सकेगी। इसके अलावा पांच वर्ष का फुल प्रूफ वारंटी लेटर देना होगा। इन वार्डों में लगनी हैं लाइटें

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दरअसल, मार्च-2020 में नगर निगम वार्ड नंबर दो, छह, आठ, नौ, 10, 15, 19, व 21 में स्ट्रीट लाइटों के लिए चार करोड़ रुपये का टेंडर हुआ। इनमें 8100 लाइटें लगाई जानी थी। लाइटों के लगाने का काम शुरू ही हुआ था कि टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने व घटिया किस्म की लाइटें लगाने के आरोप लगे। इस दौरान तक तीन हजार लाइटें ही लग पाई थी। शिकायत विधानसभा की पीटिशन कमेटी को दे दी गई। कमेटी के निर्णय के मुताबिक ठेकेदार को सभी वार्डों में खराब हुई लाइटों को बदला है। इन वार्डों में आज तक तक ठेकेदार लाइटें लगाने का काम पूरा नहीं कर पाए।

दो बार हो चुकी बैठक

विधानसभा की पीटिशन कमेटी की ओर से गठित टीम के सदस्य सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण कुमार, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू व गिरीश पुरी इस मामले में दो बार अधिकारियों व ठेकेदार की बैठक ले चुके हैं। गत माह हुई सुनवाई के दौरान कंपनी के अधिकारियों को भी कड़े निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यह सुनिश्चित किया गया कि प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन के बाद ही लाइटों की डिलीवरी होगी। कंपनी को बकायदा पर्याप्त गारंटी देनी होगी। उन्होंने कहा कि शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त कराया जाएगा।

नगर निगम कार्यालय में कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम व कॉल सेंटर की व्यवस्था के बावजूद स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। हालांकि 48 घंटे के अंदर शिकायतों का निवारण किए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामपुरा कॉलोनी में पोल नंबर 591 की स्ट्रीट लाइट एक सप्ताह से खराब हे। दो बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन स्थिति ज्यों कि त्यों है। कॉलोनी निवासी लक्ष्य दत्ता, इंद्राज दत्ता, रमेश,राजू नैथानी व संजू ने बताया कि लाइट खराब होने से आपराधिक गतिविधियों का खतरा बना हुआ है। दो बार शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। होते ही गली में अंधेर हो जाता है। जल्द वार्डों में स्ट्रीट लाइटों का काम पूरा कराया जाए

कोरोना के चलते लाइटों की प्री-डिस्पैच इंस्पेक्शन नहीं हो पाई है। जल्दी ही इस बारे कंपनी से बात कर व्यवस्था की जाएगी। हमारा प्रयास है कि जल्दी इन वार्डों में स्ट्रीट लाइटों का काम पूरा कराया जाए।

मृणाल जायसवाल, एमई, नगर निगम।


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