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पूरे गांव ने सहेजा बरसात व घरों का पानी, जलस्तर 25 से आठ फीट पहुंचा

बरसात की बूंदों व घरों से निकलने वाले गंदे पानी को संजोकर इसका सदुपयोग कैसे करना है इसके लिए कोई सैदूपुर गांव के लोगों से सीखे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:02 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 07:02 AM (IST)
पूरे गांव ने सहेजा बरसात व घरों का पानी, जलस्तर 25 से आठ फीट पहुंचा
पूरे गांव ने सहेजा बरसात व घरों का पानी, जलस्तर 25 से आठ फीट पहुंचा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बरसात की बूंदों व घरों से निकलने वाले गंदे पानी को संजोकर इसका सदुपयोग कैसे करना है, इसके लिए कोई सैदूपुर गांव के लोगों से सीखे। पूरे गांव का पानी किसी तालाब में व्यर्थ बहने के बजाय ड्रेन में एकत्रित किया जाता है। इस पानी से किसान फसलों की सिचाई करते हैं। गांव का जलस्तर भी 15 फीट तक ऊपर आ गया है। गांव में आई स्वच्छ भारत मिशन की टीम भी इस कार्य की सराहना कर चुकी है।

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गांव के साथ बनाई 400 मीटर लंबी ड्रेन

खंड साढौरा की ग्राम पंचायत सैदूपुर ने पानी को एकत्रित करने के लिए गांव के साथ-साथ 400 मीटर लंबी ड्रेन बनवाई। ड्रेन को बनवाने के लिए भी पंचायत को मोटी रकम नहीं खर्च करनी पड़ी। इसकी खुदाई का काम मनरेगा से कराया गया। ग्रामीणों ने भी ड्रेन की खुदाई में पूरा सहयोग किया। ड्रेन की चौड़ाई 30 फीट व गहराई तीन मीटर है। वर्ष 2017-18 में यह ड्रेन बनकर तैयार हो गई थी। ड्रेन बनने से पहले गांव का पानी सड़कों, नाले व पंचायती जमीन पर व्यर्थ बहता था, परंतु अब वही पानी ड्रेन में इकट्ठा हो जाता है।

सैदपुर गांव के पास से ही बरसाती नदी बहती है। मानसून सीजन को छोड़ दें तो नदी में पूरा साल एक बूंद भी पानी नहीं रहता। धीरे-धीरे गांव का जलस्तर 25 फीट पर चला गया। यह पूरे गांव के लिए ही चिता का विषय था। जिस पर सरपंच अमन संधू ने लोगों के साथ मिलकर मंथन किया। जिसमें निर्णय लिया गया कि घरों व बरसात के पानी को एकत्रित किया जाए। इस पर सब राजी हो गए। इस तरह गांव में एक ड्रेन बन गई। तीन साल में ही गांव के जलस्तर में सुधार हुआ और आठ फीट पर नलकूप में पानी आता है।

इंजन से खेतों में जा रहा पानी

ड्रेन में पंचायत ने दो इंजन सेट लगाए हैं। जिन्हें चलाकर किसान बारी-बारी अपनी फसलों की सिचाई करते हैं। सैदूपुर गांव की आबादी करीब 770 है। गांव में 200 घर हैं, जिनमें 46 किसान हैं। ड्रेन में पूरे साल पानी रहता है, इसलिए फसलों की सिचाई करने में भी दिक्कत नहीं आती। पंचायती राज विभाग के चीफ सेक्रेटरी सुधीर राजपाल ने इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए 25 लाख रुपये का प्रोजेक्ट मंजूर किए थे। जिससे सभी खेतों तक एक किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर इंजन सेट से फसलों की सिचाई होगी।

ट्यूबवेल चलाने का समय भी निर्धारित : अमन संधू

गांव के पूर्व सरपंच अमन संधू व उनके भाई जिला परिषद के पूर्व वाइस चेयरमैन अनिल संधू ने बताया कि पूरे गांव के सहयोग से यह संभव हो पाया है। गांव का जलस्तर न घटे इसलिए सरकारी ट्यूबवेल सुबह शाम एक-एक घंटा ही चलाई जाती है। कोई भी मर्जी से ट्यूबवेल नहीं चला सकता। इसके अलावा पंचायत ने स्कूल व पंचायत घर में दो वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम भी लगाए हुए हैं।


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