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अनुच्छेद 370 के विरोध में तत्कालीन उद्योग मंत्री श्याम प्रसाद ने दिया था इस्तीफा : अदिति

डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज के लीगल लिटरेसी सेल की ओर से अनुच्छेद 370 विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका अदिति टकियार ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से छात्राओं को जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:53 AM (IST)
अनुच्छेद 370 के विरोध में तत्कालीन उद्योग मंत्री श्याम प्रसाद ने दिया था इस्तीफा : अदिति
अनुच्छेद 370 के विरोध में तत्कालीन उद्योग मंत्री श्याम प्रसाद ने दिया था इस्तीफा : अदिति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज के लीगल लिटरेसी सेल की ओर से अनुच्छेद 370 विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका अदिति टकियार ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से छात्राओं को जानकारी दी। चंडीगढ़ के अभिमन्यु आइएएस अकेडमी से आए अभिषेक ने अनुच्छेद 370 के फायदे और नुकसान के बारे में छात्राओं को अवगत कराया। कॉलेज की कार्यवाहक प्रिसिपल डॉ. विभा गुप्ता और सेल इंचार्ज डॉ. सुरिद्र कौर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

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इसलिए अस्तित्व में आया अनुच्छेद 370

उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर, 1949 को एक ऐसी घटना घटी जिस कारण जम्मू और कश्मीर विवाद का विषय बन गया। दरअसल संसद में गोपाल स्वामी अयंगार ने कहा कि हम जम्मू और कश्मीर को नया आर्टिकल देना चाहते हैं। तब महाराजा हरिसिंह के दीवान रहे गोपाल स्वामी अयंगार भारत के पहली केबिनेट में मंत्री थे। अयंगार ने कहा कि आधे कश्मीर पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया है और इस राज्य के साथ समस्याएं हैं। आधे लोग उधर फंसे हुए हैं और आधे इधर तो अभी वहां की स्थिति अन्य राज्यों की अपेक्षा अलग है, तो ऐसे में वहां के लिए फिलहाल नए आर्टिकल की जरूरत होगी, क्योंकि अभी जम्मू और कश्मीर में पूरा संविधान लागू करना संभव नहीं होगा। अदिति ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू केबिनेट में उद्योग और आपूर्ति मंत्री रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 का विरोध किया। एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेगा का नारा दिया। इन्हीं मतभेदों के कारण उन्होंने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद रहे।


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