किसान के आंसू निकाल रहा लहसुन
लहसुन के दामों में गिरावट से किसान सकते में हैं। बीते वर्ष के मुकाबले दाम आधे घट गए हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : लहसुन के दामों में गिरावट से किसान सकते में हैं। बीते वर्ष इन दिनों 25 से 30 रुपये प्रति किलो भाव था, जबकि इस बार घटकर 10 से 15 रुपये तक आ गया है। गिरते भाव को देखते हुए भविष्य में किसानों की जुबां पर रकबा घटाने की बात भी आ गई है। बता दें कि जिले में बहुत बड़े स्तर पर लहसुन की फसल उगाई जाती है।
गेहूं व गन्ना के साथ-साथ जिले में लहसुन की फसल को भी काफी तरजीह दी जा रही है। एक किसान कई-कई एकड़ में लहसुन की फसल की बिजाई करता है। रुझान इतना है कि भूमिहीन किसान भी ठेके पर लेकर लहसुन उगा रहे हैं। दो वर्ष पूर्व 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लहसुन बिक चुकी है। बेचने के लिए दूर-दराज की मंडियों में भी खाक छानने की जरूरत नहीं पड़ी। इस वर्ष हालात विपरीत हो गए हैं। रेट औंधे मुंह गिरे और खरीदार भी नहीं मिल रहे।
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क्षेत्र के किसान जसवंत ¨सह, बंटी, सतीश कुमार, सूबे ¨सह, सुभाष कंबोज, दिनेश कुमार, बल¨वद्र ¨सह व अन्य के मुताबिक लहसुन की खेती इस बार घाटे का सौदा साबित हुई है। इस बार दाम में गिरावट के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
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लोकल मंडियों में मांग कम
लोकल मंडियों में लहसुन की डिमांड कम होने के कारण क्षेत्र के किसान देहरादून व चंडीगढ़ जैसे शहरों में बेचने के लिए जाते हैं। इसके कारण खर्च बढ़ जाता है और समय पर वह फसल को बेच भी नहीं पाते। भारतीय किसान संघ के जिला प्रधान रामबीर ¨सह चौहान का कहना है कि लहसुन का समर्थन मूल्य घोषित होना चाहिए, ताकि किसानों को नुकसान न हो।