डेढ़ लाख मतदाओं का सवाल : क्या हम सिर्फ वोट, सुविधाओं पर अधिकार नहीं?
जागरण संवाददाता यमुनानगर कई सरकारें आई और चली गई। प्रदेश के साथ-साथ शहर की सरक
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: कई सरकारें आई और चली गई। प्रदेश के साथ-साथ शहर की सरकार भी बदली, लेकिन ट्विन सिटी की अवैध कॉलोनियों के हालात नहीं बदले। करीब डेढ़ लाख निवासी व्यवस्था को कोस रहे हैं। जुबां पर एक ही बात है कि क्या हम केवल वोट देने के लिए हैं? क्या बुनियादी सुविधाओं पर हमारा अधिकार नहीं? जब हमारा वोट से जनप्रतिनिधि सरकार का हिस्सा बनते हैं तो कॉलोनियों को अवैध करार देकर उनको सुविधाओं से महरूम रखा जा रहा है। दूसरा, नगर निगम दायरे में आकर सभी प्रकार के टैक्स दे रहे हैं। बावजूद इसके कॉलोनियों के हालात बदतर हैं। हालांकि 69 कॉलोनियों के विकास की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन सिर्फ फाइलों तक। विभिन्न कार्यो के लिए हुए टेंडरों में ठेकेदारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। घटती गई संख्या
पहले सर्वे के बाद 217 अनाधिकृत कॉलोनियों की लिस्ट तैयार हुई। उसके बाद फिर सर्वे हुआ और 105 ऐसी कॉलोनियां सामने आई। नगर निगम ने 69 कॉलोनियों की लिस्ट अधिकृत करने लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भेजी, लेकिन इनमें से 42 कॉलोनियां अधिकृत हुई। बाकी प्रोसेस में हैं। कई कॉलानियों के हालात ज्यादा खराब हैं और वहां रह रहे लोग दूषित वातावरण में जीवन जीने पर मजबूर हैं। ऐसी बहुत सी कॉलोनियां हैं, जहां पेयजल, निकासी, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। यह बनी थी योजना
प्रथम चरण में 22 कॉलोनियां में सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और 23 करोड़ 13 लाख रुपये खर्च किए जाने की योजना है। बाकी कॉलोनियां दूसरे फेस में कवर की जाएंगी। इनमें भी करीब 37 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। इनमें अधिकांश कॉलोनियां वार्ड-12 के अंतर्गत आने वाली हैं। सितंबर 2018 में सरकार ने प्रदेश की एक हजार कॉलोनियों को नियमित किया था। इनमें से 69 कॉलोनियां यमुनानगर-जगाधरी की हैं। ये कॉलोनियां हुई अधिकृत, विकास का इंतजार
इनमें कांबोज कॉलोनी, ऊषा कॉलोनी, बावा कॉलोनी, भागीरथ कॉलोनी, इंद्रापुरम, उप्पल माल के पीछे स्थित कॉलोनी, प्यारे जी मंदिर के सामने कॉलोनी, गोबिद फार्म कॉलोनी, ग्रीन विहार पार्ट-2, महादूर्गेश्वरी कॉलोनी, सैनी फार्म वार्ड, शिवपुरी जगाधरी, ग्रीन विहार, गढी मुंडो टपरियां, जैन अवैन्यू, न्यू जैन नगर, बैंक कॉलोनी, राजीव गार्डन, त्यागी गार्डन, विशाल नगर, मोती बाग कॉलोनी, हनुमान कॉलोनी, मायापुरी, राजधानी कॉलोनी, शांति कॉलोनी, सुंदर नगर कॉलोनी, सुंदर विहार फेस-1, गधोली माजरी, कैलाश नगर, रूप नगर, शारदा कॉलोनी, जम्मू कॉलोनी, जोड़िया लाल डोरा के बाहर, शिव नगर, जवाहर नगर, नानक नगर, मंडेबर लाल डोरा के बाहर, आर्य नगर, अशोक विहार, बूटर विहार, मायापुरी शामिल है। इन कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपये मंजूर जरूर कर लिए, लेकिन अभी टेंडर नहीं लगे हैं।
तेली माजरा, नील कंठ कॉलोनी, काली मंदिर एक्सटेंशन कॉलोनी, गांधी नगर, विशाल नगर, गीता कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, रामेश्वर विहार, संजय विहार, गोल्डन पूरी, गधौली कॉलोनी, लाल विहार कॉलोनी, कामी माजरा लाल डोरे से बाहर वार्ड, पांसरा लाल डोरे से बाहर, शंभू कॉलोनी, ताजकपुर लाल डोरे से बाहर, तीर्थ नगर, दुर्गा विहार, पृथ्वी नगर, अंबेडकर नगर, कमल नगर, नंदा कॉलोनी, खड्डा कॉलोनी, शिवपुरी ब्लाक-2, अमरपुरी, प्रहलादपुरी, शिवपुरी ब्लाक-ए, शिवदयालपुरी, बूड़िया, भुरिया एवं भागवती कालोनी, रामनगर कांसापुर, राम नगर रेलवे वर्कशाप, सुंदर विहार कॉलोनी शामिल है। कॉलोनियों में ये समस्याएं
इन कॉलोनियों में पानी की निकासी की समस्या बड़ी है। इस समस्या के समाधान के लिए सीवर लाइन बिछाई जानी है। गलियों व नालियों की नियमित रूप से सफाई नहीं होती। कचरे का उठान नहीं होता। सड़क व गलियां कच्ची पड़ी हैं। सीवरेज लाइन न होने के कारण पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। जोहड़ गंदगी से अटे पड़े हैं। इनकी सफाई आज तक नहीं हुई है। अधिकांश गांवों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। जो लाइटें लगी हैं, वह खराब हैं। फोटो : 21
किसी ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
अमर पुरी निवासी सुरेंद्र का कहना है कि हर सरकार ने केवल वोट बैंक के तौर यूज किया। किसी ने विकास में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जब हम हर प्रकार का टैक्स दे रहे हैं तो बुनियादी सुविधाओं से महरूम क्यों रखा जा रहा है। गलियां कच्ची पड़ी हैं। सीवरेज की व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में तो जीवन नारकीय हो बन जाता है। फोटो : 22
पुरानी हैं कॉलोनियां
हरजीत सिंह का कहना है कि यमुनानगर-जगाधरी ऐसी कॉलोनियों की संख्या कम नहीं है जो 25-30 वर्ष से बसी हुई हैं। इन कॉलोनियों में स्थिति बेहद खराब है। सालों पहले आबाद हो चुकी इन कॉलोनियों में न सड़कें हैं न ही पानी निकासी की सुविधा, पेयजल व बिजली समेत दूसरी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी लोग सालों से तरस रहे हैं। फोटो : 23
नहीं मिली बुनियादी सुविधाएं
राजीव गार्डन निवासी गुरमेल सिंह फौजी जिन कॉलोनियों को अवैध कहकर बुनियादी सुविधाओं से महरूम रखा जा रहा है, उन कॉलोनियों के दम पर ही जन प्रतिनिधि चुने जाते हैं। जब सरकार चुनने में इनकी सहभागिता है तो सुविधाओं पर इनका हक क्यों नहीं। कॉलोनियां में स्ट्रीट लाइट तक की व्यवस्था नहीं है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।