पुलिस फोर्स की अधिकारियों ने हटवाया सोम नदी से अस्थायी पुल
दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट व सरकार के ट्वीट के बाद यमुना व सोम नदी पर अस्थायी बांधों को हटाए जाने की दिशा में स्थानीय प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट व सरकार के ट्वीट के बाद यमुना व सोम नदी पर अस्थायी बांधों को हटाए जाने की दिशा में स्थानीय प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया है। शनिवार को सिचाई विभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने दौरा कर नदियों पर बने अस्थायी पुलों व बांधों की रिपोर्ट तैयार की। रविवार को इस पर कार्य किया गया। कनालसी में बनाए गए अवैध अस्थायी पुल के हिस्से को भी प्रशासन ने ढहाया। पिछली बार पुल को हटाने को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था। इसे देखते हुए इस बार भारी पुलिस फोर्स के साथ टीम पुल को हटाने पहुंची। जिसे देखकर ग्रामीण विरोध करने के लिए आगे नहीं आए। बता दें कि कनालसी में पहले भी सोम नदी पर बने अस्थायी पुल को तोड़ा गया था। ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा था। उस समय यह पुल आधा तोड़ा गया था।
दरअसल, यमुना व सोम नदी में खनन करने वालों ने अपने हिसाब से अवरोध बना दिए हैं। कई जगहों पर अस्थायी पुल बनाकर यमुना व सोम का बहाव मोड़ा गया है। दिल्ली जल बोर्ड के सर्वे में यह सामने आया। गत बृहस्पतिवार को टीम ने यहां पर दौरा किया और इसकी रिपोर्ट सरकार तक पहुंची। दिल्ली सरकार ने भी इस बारे में ट्वीट किया। इसके बाद स्थानीय अफसर हरकत में आए। सिचाई विभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को जठलाना, पौबारी, कनालसी व मंडौली में इस तरह के अवरोध मिले। गुपचुप तरीके से पुलिस लेकर पहुंचे अफसर :
कनालसी में सोम नदी पर बने अवरोध को तोड़ने के लिए अफसर गुपचुप तरीके से पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों को भनक लग गई। ग्रामीण भी एकत्र होकर पहुंचे। इस बार अफसर पूरी तैयारी से आए थे। भारी पुलिस फोर्स को लेकर अफसर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों को पुल के पास तक आने नहीं दिया। पूरे एरिया का घेराव कर दिया था। कड़ी तैयारी देख ग्रामीण भी शांत हो गए।
अन्य पुलों को भी तोड़ने की उठ रही मांग
यमुना व सोम नदी पर कई जगह पुल बने हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि कनालसी का पुल खनन ठेकेदारों के इशारे पर तोड़ा जा रहा है। नदियों पर अन्य जगहों पर अस्थायी पुल बने हुए हैं, लेकिन अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। अफसरों की मिलीभगत से ही यमुना व सोम नदी पर ये अस्थायी पुल बने हुए हैं। केवल कनालसी के पुल को अफसर हटाना चाहते हैं। जबकि कनालसी का पुल ग्रामीणों का अपने खेतों में आने व जाने का एकमात्र माध्यम है। इस पुल के टूटने से ग्रामीणों को 10 से 15 किमी दूर होकर अपने खेतों में जाना पड़ेगा।
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