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एक क्लिक करते ही सामने आएगा प्रॉपर्टी का मैप, दूर होंगी पुराने सर्वे की खामियां

मोबाइल पर एक क्लिक करते ही प्रॉपर्टी का पूरा मैप उपलब्ध होगा। नगर निगम ने ट्विन सिटी की प्रॉपर्टी का सर्वे शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 10:13 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 10:13 AM (IST)
एक क्लिक करते ही सामने आएगा प्रॉपर्टी का मैप, दूर होंगी पुराने सर्वे की खामियां
एक क्लिक करते ही सामने आएगा प्रॉपर्टी का मैप, दूर होंगी पुराने सर्वे की खामियां

संजीव कांबोज, यमुनानगर:

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मोबाइल पर एक क्लिक करते ही प्रॉपर्टी का पूरा मैप उपलब्ध होगा। नगर निगम ने ट्विन सिटी की प्रॉपर्टी का सर्वे शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि सर्वे के दौरान तैयार किए जा रहे डिजिटल मैप में शहर के हर वार्ड और कॉलोनी के साथ सेक्टर्स की बाउंड्री भी नजर आएगी। बता दें कि 2011-12 में निगम की ओर से एक प्राइवेट एजेंसी के जरिये प्रॉपर्टी का सर्वे कराया था। तब सर्वे में रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल 1.45 लाख प्रॉपटी सामने आई थीं। अब सर्वे में 15 से 20 हजार नई प्रॉपर्टी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सर्वे के दौरान जुटाई जानकारी के आधार पर ही प्रॉपर्टी टैक्स का बिल तैयार किया जाएगा। ये ली जा रही जानकारी

- प्रॉपर्टी मालिक का नाम क्या है।

- प्रॉपर्टी की कैटेगरी यानी रेजिडेंशियल या कॉमर्शियल। कितना एरिया कवर्ड है।

आधारकार्ड समेत मकान से जुड़े दस्तावेज भी अपलोड किए जा रहे हैं।

मकान कितने फ्लोर में बना है। बिजली, पानी और सीवर का कनेक्शन है या नहीं। पहले टैक्स भरा जाता रहा है या नहीं।

- घर पूरा रेजिडेंशियल है या फिर कोई हिस्सा कॉमर्शियल है या नहीं। मकान या कोई फ्लोर किराए पर दिया गया है या नहीं। होंगी खामियां दूर

वर्ष-2010 में नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी बना था। इसमें 42 गांव भी शामिल हैं। उसके बाद वर्ष-2011-12 में सर्वे हुआ था। उसके आधार पर ही सभी मालिकों को टैक्स के बिल भेजे जा रहे हैं। इस दौरान हुए सर्वे में खामियां भी बताई जा रही हैं। अब सर्वे पूरी तरह डिजिटल होगा। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अब खामियां नहीं रहेंगी। निगम की ओर सभी प्रॉपर्टी को ऑनलाइन करने के लिए जीआइएस मैपिग के जरिए ड्रोन से फोटो भी ली जा चुकी है। कितनी प्रॉपर्टी के लिए कितना टैक्स

रिहायशी और कॉमर्शियल दोनों प्रॉपर्टी के लिए प्रॉपर्टी टैक्स की अलग-अलग दर है। निगम से मिली जानकारी के मुताबिक रिहायशी में 0 से 300 वर्ग गज तक 75 पैसे प्रति वर्ग गज, 300 से 500 वर्ग गज तक तीन रुपये, 501 से 1000 तक चार रुपये 50 पैसे, 1001 से दो एकड़ तक 5 रुपये 25 पैसे, दो एकड़ से अधिक सात रुपये 50 पैसे निर्धारित है। कामर्शियल प्रॉपर्टी की बात की जाए तो 50 वर्ग गज तक 18 रुपये, 51 से 100 वर्ग गज तक 27 रुपये, 101 से 500 तक 36 रुपये, 501 से 1000 तक 45 रुपये प्रति वर्ग गज निर्धारित है। अधिकारी नहीं बना सकेंगे बहाना

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक इस बार प्रॉपटी का सर्वे खास होगा। पूरा रिकॉर्ड डिजिटल मोड पर होगा। प्रदेश भर में एक ही फॉरमेट में सर्वे किया जाएगा। अब तक अलग-अलग नगर निगम में अलग-अलग फॉरमेट प्रयोग होता रहा है। मतलब यदि अधिकारी या कर्मचारी दूसरे जिले से बदलकर आया है तो वह यह बहाना नहीं लगा सकेगा कि उसके पास संबंधित दस्तावेज नहीं हैं। इसके अलावा कोई भी प्रॉपर्टी मालिक यह नहीं कह सकेगा कि उसकी प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे गलत लगा दिया है। इसके लिए मालिक को सही जानकारी देनी जरूरी है।

प्रॉपर्टी का सर्वे करने का काम याशी कंसलटेंट सर्विसिज कंपनी को दिया गया है। कंपनी ने अपना काम शुरू कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण सर्वे है। इसमें शहरवासी कर्मचारियों को सहयोग दें, जिससे कि सही आकड़े जुटाए जा सकें। रिहायशी और कमर्शियल टैक्स की दर अलग-अलग है। रेट में अभी किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं है।

विपिन गुप्ता, प्रोजेक्ट आफिसर, नगर निगम।

शहरवासी सर्वे के दौरान कंपनी के कर्मचारियों का सहयोग करें। हमारे 60 कर्मचारी इस काम में लगे हैं। यह सर्वे डिजिटल मोड पर होगा। हर जानकारी ऑनलाइन होगी। मोबाइल फोन पर भी एक क्लिक करते ही अपनी प्रॉपर्टी का पूरा मैप उपलब्ध होगा। सर्वे के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।

संजय गुप्ता, एमडी, याशी कंसलटेंट सर्विसिज।


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